रायपुर। दुर्ग जिले में फर्जी राशन कार्ड बनाने वाले एक संगठित गिरोह के सक्रिय होने की पुष्टि हुई है। इस गिरोह में कोटेदार, दलाल और विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता भी हो सकती है। इसका कारण ये है कि जिला खाद्य नियंत्रक की आइडी और पासवर्ड का इस्तेमाल कर विभागीय माड्यूल से कुल 185 फर्जी राशन कार्ड बनाए गए हैं।
इसके बारे में विभाग के किसी भी अधिकारी को जानकारी तक नहीं थी। फर्जी राशन कार्ड में से 57 कार्डों से खाद्यान्न भी आहरण कर लिया गया। खाद्यान्न आहरण के बाद विभाग के निरीक्षक को इसकी जानकारी हुई। तब उन्होंने विभागीय स्तर पर जांच की। फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर दुर्ग कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचना की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की है।
खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा ने दुर्ग कोतवाली थाना में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता को जानकारी मिली कि शासन स्तर पर जारी विशिष्ट पहचान का कूटरचित तरीके से इस्तेमाल कर 44 अंत्योदय और 141 अन्य श्रेणी के राशन कार्ड बनाए गए हैं। राशन कार्ड बनाने के लिए विभागीय आइडी, पासवर्ड और माड्यूल का इस्तेमाल किया गया है।
खास बात ये है कि सभी राशन कार्ड कार्यालयीन समय खत्म होने के बाद और अवकाश के दिनों में बनाए गए हैं। इन्हें बनाने के लिए नौ आइपी एड्रेस का इस्तेमाल किया गया है। जिसकी पूरी जानकारी खाद्य निरीक्षक ने पुलिस को सौंपी है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि इस कार्य में विभागीय अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता है।
जनपद व नगरीय निकाय की दुकानों में संलग्न हैं कार्ड
सभी 185 फर्जी राशन कार्ड जनपद पंचायत धमधा, पाटन, दुर्ग और भिलाई निगम व भिलाई चरोदा निगम की राशन दुकानों में संलग्न हैं। फर्जी राशन कार्ड में से 57 कार्ड से आठ जून 2021 तक 80 हजार 335 रुपये का खाद्यान्न भी आहरण किया गया। यदि पूरे फर्जी राशन कार्ड से खाद्यान्न का उठाव होता तो शासन को हर महीने करीब दो लाख 30 हजार 467 रुपये का नुकसान उठाना पड़ता।
खाद्यान्न की कालाबाजारी करने वालों पर भी शक
इस कांड के सार्वजनिक होने के बाद यह भी आशंका जताई जा रही है कि पीडीएस के चावल की कालाबाजारी करने के उद्देश्य से इन फर्जी राशन कार्डों को बनाया गया था। क्योंकि जिले में अभी बड़े पैमाने पर पीडीएस के चावल की कालाबाजारी की जा रही है। पूर्व में पुलिस ने कुछ मामले पकड़े भी थे। लेकिन, खाद्य विभाग की रिपोर्ट के अभाव में इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी थी।
राशन कार्ड बनाने में उस ब्लाक आइडी का भी इस्तेमाल किया गया
राशन कार्ड बनाने में पूरी तरह से फर्जीवाड़ा किया गया है। सिर्फ मेरी आइडी से ही राशन कार्ड बनाए जा सकते हैं। पूर्व में भिलाई निगम के जोन-5 में पदस्थ मलखान सिंह सोरी को आइडी, पासवर्ड जारी किया गया था। लेकिन, बाद में उनका जोन-3 में स्थानांतरण हो गया। जिसके बाद उनकी आइडी को ब्लाक कर दिया गया था। राशन कार्ड बनाने में उस ब्लाक आइडी का भी इस्तेमाल किया गया है। मुझे आशंका है कि फर्जीवाड़े में एनआइसी के लोगों की भी संलिप्तता होगी। इस फर्जीवाड़े की खबर लगते ही खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा ने पुलिस से शिकायत की है। साथ ही आइपी एड्रेस की सूची भी सौंपी गई है।
- सीपी दीपांकर, खाद्य नियंत्रक