By विशेष संवाददाता
रायपुर /गौरेला -पेंड्रा -मरवाही : मरवाही वनमंडल में कांग्रेस शासनकाल के समय हुए भ्रष्टाचार की फ़ाइल अब खुल रहीं है.ताज़ा मामला 16 लाख 83 हजार रूपये के भ्रष्टाचार का है जिसे तत्कालीन वन एस डी ओ व कुछ समय डीएफओ के प्रभार में रहें संजय त्रिपाठी व बीटगार्ड श्रीकांत परिहार द्वारा अंजाम दिया गया. इन वनअधिकारियों ने फर्जी मजदूरों व शासकीय कर्मचारियों के नाम पर यह बोगस भुगतान किया.
रायपुर के चर्चित एक्टिविस्ट विक्रम सिंह द्वारा मामले की पड़ताल किए जाने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ. उन्होंने तमाम सबूतों समेत इसकी शिकायत ईओडब्लू और एसीबी के आईजी को किया है.उन्होंने इस मामलें में कहा कि बैंक द्वारा इस बात की पुष्टि हुईं कि यह एक बोगस भुगतान था और अधिकतर सरकारी कर्मचारी हैं जिनके अकाउंट में राशि भेजी गईं है, मसलन अजय केशरवानी एक शिक्षक हैं, रामविशाल रेलवे कर्मचारी हैं जो पहले हर्री रेलवे में कार्यरत था अब पेंड्रा रोड में कार्यरत हैं.उन्होंने स्वयं गांव जाकर इसका पड़ताल किया और यह बात सच निकली थी. इसके अलावा अन्य जिनके नाम पर भुगतान किया गया उनमें ओमनाथ स्वीपर हैं.
इसके अलावा कियोस्क बैंक के गोमती, लीला, राजकुमार आदि सैकड़ों नाम का फर्जी भुगतान किया गया हैं.तेजतर्रार आईपीएस एसीबी व ईओडब्लू के आईजी अमरेश मिश्रा कुछ ही माह पूर्व सेंट्रल डेपूटेशन NIA से छत्तीसगढ़ लौटें हैं शासन ने उनको कांग्रेस शासन में हुईं बड़ी गड़बड़ियों की जाँच का जिम्मा सौंपा हैं. वनविभाग भी इससे अछूता नहीं है.यह समूचा भ्रष्टाचार वन समिति खुरपा, करसिवां परिक्षेत्र सिवनी में पौधरोपण के नाम पर हुआ है.विक्रम सिंह ने कहा कि इन कर्मचारियों को सस्पेंड करने, 420 का मामला दर्ज करने व इनसे शासकीय राशि की वसूली की मांग की गईं है.