बलौदाबाजार : रायपुर और इसके आसपास आदिवासी जमीन की आदिवासी के नाम पर बेनामी खरीद का मामला इन दिनों बढ़ गया है. बेचने वाला तो आदिवासी ही रहता है खरीदार भी आदिवासी पर सिर्फ नाम का. भुगतान कोई और करता है. जमीन पर हक़ किसी और का रहता है. खरीदार आदिवासी के पास न जमीन का रजिस्ट्री का कागजात रहता है और न मालिकाना हक. उनका इस्तेमाल किया जाता है अपने फायदे के लिए. रायपुर के कई बड़े अधिकारी और व्यापारी ये काम करने लगे है.
नया मामला बलौदाबाजार का है. जिसमें स्थानीय लकड़ी टाल व्यापारी श्रद्धांनंद अग्रवाल ने बलौदाबाजार के आदिवासी रामायण गोंड पिता रामकिशुन के नाम पर ग्राम देवरी में जमीन खरीदी. यह जमीन उन्होंने 2005 में अलग -अलग आदिवासियों से खरीदी.जिसका भुगतान उन्होंने स्वयं किया, लेकिन जमीन आदिवासी रामायण ध्रुव के नाम पर रखा.फिलहाल जमीन रामायण ध्रुव के नाम पर ही है जिसका खसरा 1704/04 (शामिल खसरा 1704/04) में 0.1380 रकबा,खसरा 1747 में 0.5550 रकबा, खसरा 1764 में 0.1460 रकबा, खसरा 1768 में 0.3880 रकबा, खसरा 1773 में 0.5180 रकबा, खसरा 1796 में 0.4860 रकबा, खसरा 1810/9 में 0.1080 रकबा एवं खसरा नंबर 1924 में 0.0200 हेक्टेयर भूमि रामायण ध्रुव के नाम पर है जो श्रद्धांनंद अग्रवाल की बेनामी संपत्ति है.उपरोक्त सभी भूमि पर वर्तमान में श्रद्धांनंद अग्रवाल ही काबिज हैँ. एवं उसे अच्छे क़ीमत पर बेचने की ताक में भी लगा है. आर टी आई एक्टिविस्ट विक्रम सिंह चौहान ने ऐसे कई मामलों का खुलासा किया है.उन्होंने इस मामले की शिकायत ACB एवं रायपुर संभाग कमिश्नर से किया है.एवं व्यापारी पर बेनामी सम्पति के नए क़ानून के तहत केस दर्ज करने की मांग की है.
एक्सपोजर को इन सभी जमीनों की रजिस्ट्री नकल प्राप्त हुआ है. जिसमें पता चला है व्यापारी ने सात आदिवासियों से ये जमीने रामायण ध्रुव के नाम पर ली है.जिसमें विक्रेता जगतु , विक्रेता अंजोर सिंह गोंड,विक्रेता सोनाऊ गोंड , विक्रेता वेदराम, विक्रेता लक्ष्मी नारायण गोंड, विक्रेता गेंदराम गोंड़ एवं विक्रेता ध्रुव कुमार, मान बाई एवं गंगाबाई गोंड आदि हैँ.
एक्सपोजर से जब व्यापारी श्रद्धांनंद अग्रवाल से इस बाबत पूछा तो उनका जवाब था ” हाँ मुझ से गलती हुई है. झूठ बोलना सही नहीं लगता. एक झूठ बोलने के बाद फिर झूठ बोलना पड़ता.मैंने एक डिप्टी रेंजर के दामाद के नाम पर जमीन ली है. ”
वही एक्सपोजर ने जब रामायण ध्रुव से उनके गांव जाकर पड़ताल की तो गोलमाल जवाब देते हुए रामायण ध्रुव ने कहा ” सर रायपुर बुलाते तो वही आ जाता, कागजात जमीन की चोरी हो गई है, रिपोर्ट भी लिखवाया है.”