छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में प्रथम चरण का मतदान 7 नवंबर को संपन्न हो चुका है. बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों में से सबसे ज्यादा वोट बस्तर विधानसभा में पड़े, जबकि बीजापुर विधानसभा में सबसे कम वोटिंग हुई. बस्तर विधानसभा में 84.67 और बीजापुर में सबसे कम 48.37% वोटिंग हुई. नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों में पोलिंग पार्टी मतदान के करीब दो दिन बाद सुरक्षित मुख्यालय पहुंच गई.
संभाग के अलग-अलग जिलों में कुल 9 स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं, जबकि बस्तर जिले में तीन विधानसभा के गणना के लिए एक ही स्ट्रांग रूम बनाया गया है. सभी स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीन, बैलेट यूनिट और व्हीव्हीपॅट और मतदान सामग्रियों को शनिवार के करीब रात 12 बजे जमा कर दिया गया है. ऑब्जर्वर और जिला निर्वाचन अधिकारी के अलावा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के मौजूदगी में सभी स्ट्रांग रूम को सील कर दिया गया है.
पैरामिलिट्री फोर्स के हाथों सुरक्षा की कमान
बस्तर जिले के तीन विधानसभा चित्रकोट, जगदलपुर और बस्तर विधानसभा के लिए एक ही स्ट्रांग रूम बनाया गया है. तीनों विधानसभा क्षेत्र में मतदान सम्पन्न होने के बाद इव्हीएम, बैलेट यूनिट और व्हीव्हीपॅट सहित अन्य मतदान सामग्रियों को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और 3 प्रेक्षक सुब्रत गुप्ता, आरएच ठाकरे, सुदेश कुमार मोखटा और जिला निर्वाचन अधिकारी विजय दयाराम की उपस्थिति में शासकीय आदर्श महाविद्यालय में स्थित स्ट्रांग रूम में सील कर दिया गया है.
मतदान सामग्री जमा करने की प्रक्रिया संभाग के सभी विधानसभा क्षेत्रों में 10 नवंबर देर रात तक चलती रही. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने स्ट्रांग रूम के बाहर तीन-तीन लोगों की ड्यूटी निगरानी के लिए लगाई है. बताया गया कि उनके कार्यकर्ता 8-8 घंटे अलग-अलग शिफ्ट में यहां मौजूद रहेंगे. इधर सीसीटीवी कैमरे से स्ट्रांग रूम की निगरानी की जा रही है और यह भी बाहर में लगाए गए डिस्प्ले से स्ट्रांग रूम में निगरानी करेंगे. इसके अलावा यहां बड़ी संख्या में स्थानीय पुलिस बल के साथ पैरामिलिट्री फोर्स की भी तैनाती की गई है जो 24 घंटे स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में लगे हुए हैं. बस्तर जिले के स्ट्रांग रूम के अलावा संभाग के अन्य स्ट्रांग रूम में भी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. खुद सीआरपीएफ के जवान इन स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में लगे हैं.
3 दिसंबर को होगी मतगणना
इधर बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों में उम्मीद के मुताबिक इस बार अच्छी वोटिंग हुई, खासकर अन्तागढ़, कांकेर, कोंटा और भानुप्रतापपुर के साथ दंतेवाड़ा और नारायणपुर में ग्रामीण अंचलों में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर मतदान किया और यही वजह है कि इस बार मतदान का प्रतिशत भी बढ़ा. 3 दिसंबर को प्रदेश के अन्य 78 सीटों के साथ बस्तर के 12 सीटों में भी नतीजे सामने आएंगे. फिलहाल भाजपा- कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी के साथ अन्य राजनीतिक दलों के प्रत्याशी भी इस बार अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. लेकिन 3 दिसंबर दोपहर 2 बजे तक यह साफ हो जाएगा कि इस बार बस्तर के 12 विधानसभा सीटों में किस पार्टी के प्रत्याशियों ने बाजी मारी है.