रायपुर: राजधानी रायपुर में जहाँ एक ओर नगर निगम और रायपुर स्मार्ट सिटी द्वारा शहर को स्मार्ट बनाने के कई बड़े बड़े दावें किये जा रहे है। स्मार्ट सिटी के नाम पर रायपुर नगर निगम को पुरस्कार तो मिले लेकिन गली मुहल्लों में छाया अंधकार आज भी दूर नहीं हो सका है। राजधानी के पंडरी इलाके से कुछ दिन पहले ही बस स्टैंड भाठागांव शिफ्ट हुआ है। अंधेरा होने की वजह से वहां शाम होते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होने लगता है। लूटपाट,छेड़छाड़ जैसे घटनाएं वह होने लगी है।
बता दें कि बस स्टैंड से लगा राज्य का सबसे बड़ा पंडरी कपड़ा मार्किट है। कपड़ा मार्किट में सैकड़ों महिलायें और लडकियां वहां काम करती है। पुराने बस स्टैंड परिसर में ही कॉलेज और कोचिंग क्लासेस संचालित होती है। वहाँ से गुजरने वाली महिलाओं और आम लोगों के लिए अंधेरा अब खतरा बनने लगा है। शाम होते ही वहां शरती तत्वों द्वारा लूटपाट और छेड़खानी जैसे घटनाओं को अंजाम देने लगे है। इस अव्यवस्था को लेकर अब महिलाएं खुद उस रस्ते पर गुजरने पर असुरक्षित महसूस करती है। पुराने बस स्टैंड की स्ट्रीट लाइट बंद होने की वजह से वह चारों ओर अँधेरा व्याप्त है। जो कही ना कही नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही का जीता जागता उदहारण है।
पंडरी कपड़ा मार्केट में काम करने वाली महिलाओं और लड़कियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठाए हैं। कपड़े की दुकान में काम करने वाली एक लड़की ने बताया कि बस स्टैंड परिसर में स्ट्रीट लाइट बंद होने की वजह से शाम को अंधेरा छा जाता है। घर जाते समय कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा छेड़खानी जैसी घटनाएं भी उनके साथ हुई है, जिससे लड़कियां काफी असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उनका कहना है कि अंधेरा होने की वजह से उन्हें घर जाने में डर लगता है और साथ ही साथ हमारी सुरक्षा को लेकर घरवालों की चिंता बनी रहती है।
बस स्टैंड परिसर में पगारिया काम्प्लेक्स में दुकान संचालित करने वाले व्यापारियों ने बताया कि पिछले 8-10 दिनों तक पंडरी कपड़ा मार्केट की स्ट्रीट लाइटें बंद है, जिससे वहां पर शाम होते ही अंधेरा छा जाता है और अंधेरे का फायदा उठाकर वहां कुछ असामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी होने लगा है जिससे वहां सुरक्षा को लेकर प्रश्नचिन्ह उठने लगा है। हमारी दुकानों में लड़कियां काम करती हैं जो शाम छुट्टी होने के बाद घर जाते समय असहज और असुरक्षित महसूस करती हैं। उन्होंने बताया कि जब यहाँ बस स्टैंड संचालित होता था तो लाइट अउ लोगों लोगों की चहल पहल रहती थी,लेकिन अब यहाँ अंधेरा भी है और सूनसान भी। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द पंडरी बस स्टैंड परिसर में स्ट्रीट लाइट लगवाने का काम पूरा करें। हमारी दुकान में काम करने वाली महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है, इसलिए इनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा जल्द ही कोई उपाय किए जाएं।
राजधानी रायपुर को स्मार्ट बनाने के दावे रायपुर नगर निगम के द्वारा कहीं ना कहीं खोखले साबित होते दिखाई दे रहे हैं। एक ओर जहां स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं और महिलाओं को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने के कई जतन किये जा किए जा रहे हैं, लेकिन पंडरी बस स्टैंड परिसर में छाया हुआ अंधेरा और महिलाओं में असुरक्षा की भावना कुछ और ही बयां कर रही है।