छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की ओर से एक निजी मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित कानून को लेकर विवाद छिड़ गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बेटी की शादी जिस परिवार में हुई है, उसके द्वारा इस कॉलेज का संचालन होता है और बीते कुछ सालों में यह आर्थिक संकट में घिर गया है। ऐसे में सरकार की ओर से प्रस्तावित कानून को हितों के टकराव और रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने वाला बताया जा रहा है। विपक्ष ने इस पर तीखा हमला बोला है। यहां तक कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट कर बघेल पर तंज कसा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करके भूपेश पर लगाया बड़ा आरोप:
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया, ‘भूपेश बघेल अपने दामाद का निजी महाविद्यालय बचाने के लिए उसे सरकारी कोष से खरीदने की कोशिश में हैं। प्रदेश की राशि का उपयोग अपने दामाद के लिए वो भी एक ऐसा मेडिकल कॉलेज जिस पर धोखाधड़ी के आरोप मडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा लगाए गए थे। कौन बिकाऊ है और कौन टिकाऊ, इसकी परिभाषा अब साफ है।’ दरअसल प्रदेश सरकार एक ऐसा बिल लाने की तैयारी में है, जिससे दुर्ग में स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया जाएगा। इस कॉलेज का मालिकाना हक एक अनलिस्टेड प्राइवेट कंपनी चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल के पास है।
चंदूलाल चन्द्राकर कौन थे आइए जाने उनको……
एक जनवरी 1921 को जन्मे चंदूलाल चंद्राकर कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। वह दुर्ग से पांच बार सांसद रहे हैं। 1970 में पहली बार उन्होंने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद वह पांच बार चुनाव जीते। केंद्र की सरकार में चंदूलाल चंद्राकर पर्यटन, नागरिक उड्डयन, कृषि, ग्रामीण जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे। वहीं, अलग छत्तीसगढ़ के लिए भी वह सर्वदलीय मंच के अध्यक्ष रहे हैं और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
दुर्ग के इस कॉलेज के बारे में आपको कुछ जानकारी हम देते है। 1995 में इस अस्पताल का निर्माण हुआ था और फिर मेडिकल कॉलेज बना था। फिलहाल इस अस्पताल के निदेशक मंगल प्रसाद चंद्राकर हैं। वह इस कंपनी में 4 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं और कुल 59 स्टेकहोल्डर्स में से एक हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की ओर से प्रस्तावित विधेयक में मेडिकल कॉलेज के तत्काल अधिग्रहण की जरूरत बताई गई है क्योंकि इसमें काफी छात्र पढ़ते हैं और आर्थिक संकट के चलते उनका भविष्य दांव पर है।
मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण की तैयारी में भूपेश सरकार,इस अधिग्रहण को छात्रों के भविष्य के नाम पर बताना समझ से परे:
प्रदेश की भूपेश सरकार का कहना है कि अस्पताल की ओर से कॉलेज के अधिग्रहण की सिफारिश की गई है। सरकार की ओर से प्रस्तावित विधेयक में कहा गया है कि मेडिकल कॉलेज का तत्काल अधिग्रहण किया जाना जरूरी है और यह जनहित व छात्र हित में होगा। विधेयक में कहा गया है कि कॉलेज पर जो भी देनदारी है, उसकी जिम्मेदारी चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल अस्पताल की ही होगी। प्रदेश सरकार की ओर से कॉलेज की चल और अचल संपत्ति का वैल्यूएशन कराया जाएगा और फिर उसका अधिग्रहण किया जाएगा।
इस मेडिकल कॉलेज का सौदा काफी समय से बाजार में घूम रहा था,बहुत सी दिक्कतों की वजह से खरीददार इस सौदे में इंट्रेस्ट नही दिखा रहे थे।कहानी तो काफी है,जिस मेडिकल कॉलेज के सौदे को सरकार कर रही है उसकी बड़ी कहानी आज राजनैतिक गलियारों में घूम रही है।परिवार की समस्या का समाधान जनता के पैसों से करने की बात लोगो को हजम भी नही हो रही है।
इस मामले पर भाजपा नेता प्रसून चतुर्वेदी का कहना है कि यह पूरा भ्रष्टाचार से परिपूर्ण है प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने परिवार के लोगों का फायदा पहुंचाने का काम बेखौफ होकर कर रहे हैं कहीं ना कहीं भूपेश बघेल छात्र हित की बात कहकर अपने वह अपने परिवार के फायदे पर लगे हुए हैं ।मामला जनता के पैसों की बर्बादी को लेकर भी है।इस मामले पर सरकार को अपने कदम वापस करने होंगे।अन्यथा इस मामले पर मैं न्यायालय की शरण मे जाऊंगा।और मुझे पूरी उम्मीद भी है कि न्यायालय से जनता के पक्ष में ही फैसला आएगा।
मेडिकल कॉलेज संचालकों से सीएम भूपेश बघेल का क्या है रिश्ता,इस बात की चर्चा पूरे प्रदेश में बड़े जोरो पर:
सीएम भूपेश बघेल की बेटी दिव्या बघेल की शादी क्षितिज चंद्राकर से हुई है, जो विजय चंद्राकर के बेटे हैं। विजय चंद्राकर के बड़े भाई मंगल प्रसाद चंद्राकर ही अस्पताल के संचालक हैं, जो कॉलेज पर मालिकाना हक रखता है। भूपेश बघेल ने 2 फरवरी को ही ट्वीट कर कॉलेज के अधिग्रहण का ऐलान कर दिया था, लेकिन विवादों में घिरने के चलते अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है।विधानसभा में भी इस मामले पर भाजपा ने विरोध दर्ज करवा दिया है।
इस बड़े मामले से प्रदेश की वर्तमान राजनीति में बड़ा बवाल मच गया है।केन्द्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मामले पर बयान देकर और भी गर्मा दिया है।सुशासन की बात करने वाले मुख्यमंत्री इस मामले में कही न कही लपेटे में आ गए है।भाजयुमो की टीम पूरे प्रदेश में सड़को पर आकर आंदोलन करने की तैयारी में है।इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है।इस मेडिकल कॉलेज के सौदे में अब आगे क्या होगा यह देखना बाकी है।