Home छत्तीसगढ़ आखिर वृहस्पत सिंह को मारने की कोशिश लोग क्यो करते है?????

आखिर वृहस्पत सिंह को मारने की कोशिश लोग क्यो करते है?????

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आखिर वृहस्पतसिंह को क्यो लोग मारने की कोशिश करते है ?


सवाल – आम जन अगर ऐसे झूठे आरोप लगाए तो क्या मामला बनता है आईपीसी के तहत ?


छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले बलरामपुर के एक छोटे से गांव भंवरमाल में 7 अक्टूबर 1960 में किस्मत सिंह के घर जन्मे बृहस्पत सिंह रामानुजगंज विधानसभा से कांग्रेस विधायक हैं। महज 8वीं कक्षा तक शिक्षा लेने वाले इस कांग्रेस नेता ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत वार्ड पंच के रुप में की थी। ग्राम पंचायत चिनिया, विकासखंड रायचंद्रपुर सरगुजा से पहली बार वार्ड पंच का चुनाव जीता। इसके बाद सीधे जिला पंचायत सदस्य। वहीं अविभाजीत मध्यप्रदेश शासन काल में मप्र राज्य कृषि एवं ग्रामीण कृषि मर्यादित रायपुर में संचालक, फिर मध्यप्रदेश शासन काल में राज्य कृषि एवं ग्रामीण विकास भोपाल में अध्यक्ष। इसके बाद 2013 में पहली बार रामानुजगंज से विधायक बने।

इन दिनों ये विधायक अपने ही दल के दिग्गज व कद्दावर नेता के साथ-साथ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर संगीन व गंभीर आरोप लगाकर सुर्खियों में है। तो आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है। इसके पहले भी दो दफा लगभग इसी तरह का संगीन व सनसनीखेज आरोप लगा चुके है।


पहली दफा 2015 में इन्होंने बलरामपुर रामानुजगंज के कलेक्टर रहे एलेक्स पॉल मेनन पर नक्सलियों के लिए रात्रि भोज का आयोजन करने और उनकी हत्या करने की साजिश रचने का आरोप लगाकर हाहाकार मचा दिया था। छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक खूब हंगामा हुआ। तब कांग्रेस विपक्ष में थीं और भाजपा सरकार में।

तात्कालीन सीएम ने कलेक्टर पर लगे इस संगीन आरोप की जांच बलरामपुर के तात्कालीन एसपी से कराई थी। उस वक्त कलेक्टर को विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों से पुलिस अधीक्षक ने क्लिन चिट दे दी थी।


इसके बाद कुछ महीने पहले इसी विधायक का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ जिसमें इन्होंने भाजपा के राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम पर संगीन व गंभीर आरोप लगाए। बृहस्पत सिंह ने नेताम पर उनको हानि पहुंचाने के लिए बलि देने का आरोप लगाया था। विधायक के इस आरोप को भाजपा व राज्यसभा सांसद ने ज्यादा तूल नहीं दिया।


अब इसी विधायक ने अपने ही पार्टी के दिग्गज नेता पर हत्या करवाने का आरोप लगाकर सियासी घमासान मचा दिया। हालांकि आज दोपहर विधानसभा में गृह मंत्री के वक्तव्य और विधायक के माफी नामा के बाद मामला खत्म होने की बात कही जा रही है। टीएस सिंहदेव बड़े दिलवाले माने जाते हैं उन्होंने विधायक बृहस्पत सिंह को माफ भी कर दिया होगा,


पर विधायक बृहस्पत सिंह ने एक सवाल जरुर छोड़ दिया कि आखिरकार इनके ही जान को अफसरों व नेताओं से खतरा क्यों रहता है?


बात यही खत्म नहीं होती, सवाल यह भी है कि कलेक्टर अलेक्स पॉल मेमन पर लगाए गए आरोप भी निराधार निकले थे? वर्तमान में टीएस सिंहदेव पर लगे आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो पार्टी व विधायक ही जानते होंगे?पर लोगों के मन में एक सवाल हमेशा रहेगा कि यह 8वीं पास विधायक कितने सच्चे हैं?क्या टी एस सिंहदेव को सत्ता की कुर्सी में काबिज होने से रोकने का खेल था।

सत्ता के गलियारों में यह बात जोरों पर है कि आखिर बृहस्पत सिंह ने इतना बड़ा आरोप किसके कहने पर लगाया है,जिस सरगुजा क्षेत्र से विधायक है उसी क्षेत्र के राजा व मंत्री टी एस सिंहदेव पर इतना बड़ा आरोप किस आवेश में आकर लगायें।छत्तीसगढ़ कांग्रेस की वर्तमान राजनीति में इतना बड़ा बवाल मचने के बाद यह मामला आसानी से समाप्त होता तो नही दिख रहा है?आगे क्या होगा यह देखना फिलहाल बाकी है।


साभार – कल्पेश पटेल रायगढ़

छत्तीसगढ़ उजाला