बिलासपुर। आय से अधिक संपत्ति के साथ ही राजद्रोह के आरोपित व निलंबित आइपीएस जीपी सिंह की याचिका की गुरुवार को सुनवाई होगी। इस प्रकरण को प्रदेश सरकार के साथ ही आला अधिकारियों की नजरें टिकीं हुई हैं। इसके लिए स्थानीय अधिकारियों को भी गोपनीय जानकारी जुटाने जवाबदारी दी गई है। आय से अधिक संपत्ति के केस में फंसे निलंबित आइपीएस पीजी सिंह के खिलाफ रायपुर पुलिस ने एंटी करप्शन ब्यूरो की शिकायत पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया है।
इसे चुनौती देते हुए उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता किशोर भादुड़ी व सव्यसांची भादुड़ी के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरण को सरकार में दखल रखने वाले कुछ नेताओं व अधिकारियों का षड्यंत्र बताया है। साथ ही जांच से जुड़े विभिन्न् तथ्यों को आधारहीन बताते हुए पक्षपातपूर्ण तरीके से राजद्रोह का आरोपित बनाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने पूरे प्रकरण की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है। वहीं अंतरिम राहत के रूप में एसीबी-ईओडब्ल्यू व रायपुर पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। याचिका में हाई कोर्ट से मामले की शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया गया है। कोर्ट ने उनकी अर्जी को स्वीकार करते हुए गुस्र्वार 15 जुलाई को प्रकरण की सुनवाई के लिए रखा है। हाई कोर्ट के जस्टिस एनके व्यास की कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई होगी।
इधर, प्रदेश के इस चर्चित प्रकरण के हाई कोर्ट पहुंचने के बाद राज्य शासन के साथ ही आला अधिकारी भी सक्रिय हो गए हैं। राजधानी रायपुर के पुलिस के गुप्त वार्ता के साथ ही एसीबी व ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने पुलिस के अधिकारियों को हाई कोर्ट की गतिविधियों पर नजर रखने का फरमान जारी किया है। साथ ही कोर्ट के फैसले की गतिविधियों की पल-पल की जानकारी राजधानी पहुंचाने कहा है।