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“रेडी टू ईट” का काम छीना हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, महिला एवं बाल विकास विभाग को नोटिस जारी

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बिलासपुर। महिला स्व सहायता समूह को बिना किसी कारण के रेडी टू ईट पोषण आहार वितरण करने से रोकने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने महिला एवं बाल विकास विभाग को नोटिस जारी किया है। साथ ही याचिकाकर्ता समूह को अनुबंध के तहत पोषण आहार सप्लाई करने का आदेश दिया है। मामला बेमेतरा जिले का है। यहां ममत्व महिला स्व सहायता समूह व अन्य महिला स्व सहायता समूह को महिला बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी ने आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टूई पोषण आहरण वितरण करने का आदेश दिया था। इसके अनुसार उनके बीच तीन साल तक पोषण आहार वितरण का अनुबंध किया गया था। लेकिन बाद में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने समय के पहले ही उन्हें पोषण आहार वितरण करने से वंचित कर दिया और नया विज्ञापन जारी कर दिया।

उक्त महिला स्वसहायता समूहों ने भी इसके लिए आवेदन पत्र जमा किया था। इसके बाद भी उन्हें जानबूझकर बिना किसी कारण के वंचित कर दिया गया। इस पर समूह की तरफ से अधिवक्ता समीर बेहार के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। इसमें बताया गया कि यह सभी महिला समूह पिछले दस वर्षों से भी अधिक समय से शासन के मानकों के अनुसार रेडी टू ईट आहार का वितरण करते आ रहे हैं।

शासन से 10 अगस्त 2018 को हुए अनुबंध के तहत उन्हें अगस्त 2021 तक यह काम करना था। फिर भी विभाग ने नए सिरे से विज्ञापन जारी कर आवेदनपत्र आमंत्रित किया। याचिका में बताया गया है राजनीतिक रूप से नए व चहेते समूह को अवसर देने के लिए नियमों को ताक में रखकर यह प्रक्रिया शुरू की गई है।

इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने महिला एवं बाल विकास विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही अनुबंध के तहत तय समय तक याचिकाकर्ताओं को पोषण आहार वितरण का काम देने का आदेश दिया है।