रायपुर : छत्तीसगढ़ में ढाई साल पहले हुए पुलिस परिवार के आंदोलन का असर साफ नजर आ रहा है। सरकार ने पुलिस परिवार के बच्चों को शिक्षा में मदद का वादा किया था, जो अब पुलिस विभाग के जरिए पूरा हो रहा है। कांग्रेस सरकार बनने के बाद विभाग ने पुलिस परिवार के बच्चों के लिए तीन योजनाएं उच्च शिक्षा के लिए कम ब्याज दर पर लोन, शिक्षा निधि और डीजीपी मेरिट स्कालशिप शुरू की है।
इनके तहत पिछले दो वर्षों में 15 हजार बच्चों को 10 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता उपलब्ध कराई गई है।
दरअसल, उच्च शिक्षा की महंगी फीस जमा करने के लिए बैंकों से ज्यादा ब्याज दर पर लोन लेना पड़ता है। लेकिन पुलिस परिवार के बच्चों को पांच प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से उच्च शैक्षणिक लोन कल्याण निधि से उपलब्ध कराया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में ही उच्च शिक्षा पूर्ण करने के लिए पुलिसकर्मियों के बच्चों को 69 लाख 35 हजार 678 रुपये का शैक्षणिक लोन दिया गया है।
इस तरह मिल रहा योजनाओं का लाभ
शिक्षा निधि के अंतर्गत पुलिस अधिकारी-कर्मचारी के दो बच्चों के लिए पहली से पांचवी तक एक हजार रुपये और छठवीं से स्नातक के लिए तीन हजार से 10 हजार रुपये तक छात्रवृत्ति दी जा रही है। डीजीपी मेरिट स्कालरशिप योजना में बच्चों को 10वीं में 85 प्रतिशत या अधिक अंक लाने पर दो हजार रुपये प्रतिमाह दो वर्ष तक और 12वीं में 80 प्रतिशत या अधिक अंक लाने पर तीन हजार रुपये प्रतिमाह स्नातक स्तर तक की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
तीन योजनाओं में बरसी राहत
-शिक्षा निधि से मिली सहायता: आठ करोड़ 42 लाख 57 हजार रुपये
-डीजीपी मेरिट स्कालरशिप योजना: एक करोड़ 26 लाख रुपये
-उच्च शिक्षा के लिए शैक्षणिक लोन: करीब 70 लाख रुपये
वर्जन
‘पुलिसकर्मियों के बच्चों को पैसे के अभाव में शिक्षा से वंचित न होना पड़े, इसके लिए जरूरतमंदों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। हमारा उद्देश्य है कि पुलिसकर्मियों के बच्चे उच्च शिक्षा के जरिए अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।’
-डीएम अवस्थी, डीजीपी, छत्तीसगढ़