क्या छत्तीसगढ़ में भी होगा,बंगाल जैसा मुस्लिम तुष्टिकरण…???
छत्तीसगढ़ कोरबा के जिला प्रशासन के द्वारा मस्जिदों पर विशेष टीकाकरण कराना समझ से परे,कलेक्टर अपने इस नए खेल से किसको साधने के जुगत में…..
धर्मनिरपेक्षता की धज्जियां उड़ाते दिख रही हैं भूपेश सरकार, कोरबा कलेक्टर किरण कौशल के द्वारा जारी यह आदेश निस्संदेह उनके टीकाकरण की जागरूकता को प्रदर्शित करता हैं ,पर साथ ही धर्म विशेष के लोगों के प्रति उनकी अति संवेदना समझ से परे हैं। शांति प्रिय नेतृत्व ने शांति प्रिय समुदाय को विशेष टीकाकरण अभियान उसी तरह उपलब्ध कराया हैं ,जैसे अंधा बांटे रेवड़ी और अपने अपने को दे।
कोरबा जिला प्रशासन कोरोना में धर्म को जोड़कर कौन सा नया प्रयोग कर रहा है।क्या अब धर्म के हिसाब से भी टीकाकरण किया जाएगा।इस प्रदेश में अब यही सब होगा।जनहित पर ध्यान देने के बजाय छत्तीसगढ़ में एक नया खेल खेलने का काम प्रदेश के मुख्यमंत्री करने में लगे हुए है।छत्तीसगढ़ में अलग बीज बोने से यहाँ का माहौल खराब करने का उद्देश्य झलकता है।कोरबा कलेक्टर किरण कौशल की इस सोच पर आज हम सभी को मनन करने की आवश्यकता है।वेक्सिनेशन के लिए आज शुक्रवार के दिन का चयन करके मस्जिदों के पास टीकाकरण करके तुष्टीकरण का खेल कोरबा कलेक्टर ने शुरू किया है।विरोध का माहौल भांपने की बात पर एक मंदिर में भी टीकाकरण का कार्यक्रम सुनियोजित तरीके से रखवाया गया।और राम जानकी मंदिर में टिके की कम व्यवस्था करके केवल खानापूर्ति कर दी गयी।
जब प्रशासन का टीकाकरण पूर्व से ही संचालित है तो अलग से धार्मिक स्थलों के पास वेक्सिनेशन कराकर कलेक्टर क्या करना चाहती है।एक मंदिर बनाम पांच से छै मस्जिदों में वेक्सिनेशन का खेल तुष्टिकरण का खेल बताता है।जब ऐसा ही करना था तो सभी धर्म मानने वालों के लिए भी यही व्यवस्था कलेक्टर को कर देना था।अन्य धर्म मानने वालों के लिए भी यही व्यवस्था कोरबा कलेक्टर को शुरू से ही कर देना था।चर्च और गुरुद्वारे में भी यह व्यवस्था कर देना था।क्या अब कोरबा कलेक्टर प्रदेश में अलग नीतियों का निर्धारण करने में लगी हुई है।छत्तीसगढ़ में इस प्रकार से धार्मिक मतभिन्नता के आधार पर वेक्सिनेशन कराना सरासर गलत है।प्रदेश के मुख्यमंत्री को ऐसे अफसरों के ऊपर कड़ी कार्यवाही करने की आवश्यकता है।यदि ये शुरुआत कर रहे हैं तो बेहतर होगा राज्य सरकार भी समय रहते इन धर्मालयों की ही शरणागत हो जाए तो भी शत प्रतिशत टीकाकरण हो जाएगा
ऐसे जमातियों का मुस्लिम ब्रदरहुड भी तो देखना हैं जहां एक ही नारा दिया जाता हैं – ” इस्लाम ही समाधान हैं ” शायद इसी तर्ज पर हमास भी शांति स्थापित करने में बहुत कामयाब हैं, शायद ऐसे ही पाकिस्तान ,बांग्लादेश आदि भी पूर्ण शांति प्राप्त कर रहे हैं । क्या ये कहीं बंगाल की आहट तो नहीं ,क्या ये मद्रास की तरह जुलूस का जनहित विरोध तो नहीं हैं ….क्या ये छत्तीसगढ़ की प्रयोगशाला का नवीन प्रयोग हैं .?
यदि ऐसा हैं तो सावधान हो जाएं ये भूपेश बघेल की सरकार हैं ,जो खुद के परिणामों से बौखलाई हुई हैं ।चाहे असम चुनाव की विफलता हो, चाहे विफल ऑक्सिजन मैनेजमेंट, चाहे विफल कोविड टीकाकरण हो….
भारतीय जनता पार्टी के समस्त कार्यकर्ताओं से एवं सामान्य नागरिकों से अपील करता हूँ कि इस प्रकार के किसी भी प्रारंभिक प्रयोगों को सफल न होने दें एवं भारतीय संविधान की अस्मिता की रक्षा के लिए और अपनी आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए कृतसंकल्पित हो…..जय हिंद ,जय छत्तीसगढ़ महतारी 🙏🇮🇳