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प्रदेश प्रभारी भाजपा डी. पुरंदेश्वरी ने छत्तीसगढ़ के नेताओं से पूछे सवाल : हम दमदार विपक्ष की भूमिका क्यों नहीं निभा पा रहे हैं?

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रायपुर। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी डी पुरंदेश्वरी छत्तीसगढ़ में पार्टी की वर्तमान स्थिति से नाराज हैं। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष और चार महामंत्रियों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में पूछा कि कोरोना काल में हम कहां हैं। कांग्रेस की सरकार को ढाई साल हो गए लेकिन विपक्ष की भूमिका कहीं नजर नहीं आ रही है। सोशल मीडिया तक में हम पिछड़े हुए हैं। उन्होंने साफ रूप से कह दिया है कि प्रदेश में बूथ कमेटियों तक का गठन फिर से किया जाएगा।

लंबे अंतराल के बाद भाजपा को तेज तर्रार प्रभारी मिला है। दो तीन बैठकों में डी पुरंदेश्वरी ने यह संकेत दिया है कि छत्तीसगढ़ में जो कुछ चल रहा है उससे वे संतुष्ट नहीं हैं। आज की बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के अलावा चारों महामंत्रियों और प्रदेश के सह प्रभारी नितिन नवीन मौजूद थे। उन्होंने साफ रूप से कहा कि विपक्ष में रहते हुए जनहित के मुद्दों को जिस तरह ‘भाजपा को विरोध करनी चाहिए वैसा यहां नहीं हो रहा है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार को गए ढाई साल हो गया लेकिन अभी भी यहां पुराने ढर्रे पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि दमदारी के साथ आखिर सरकार का विरोध क्यों नहीं हो रहा है। सोशल मीडिया में हम कहां हैं। भाजपा यहां पिछड़ी हुई नजर आ रही है।

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ भाजपा का मीडिया सेल भी केवल कागजों तक ही सीमित हो गया है। मदमस्त कांग्रेस सरकार के खिलाफ बोलने में पार्टी कही न कही कमजोर साबित हो रही है। कोरोना काल में फेल भुपेश सरकार को घेरने का अच्छा समय था, जिसे लेकर पार्टी के नेताओं ने ध्यान नहीं दिया। जनता तक अपनी बात रखने की योजनाओं पर भी विपक्ष को काम करने की जरूरत थी, लेकिन वर्तमान परिदृश्य में प्रदेश के भाजपा नेताओं को अपनी कार्यशैली को आक्रमक करने की आवश्यकता है। मदमस्त सरकार को सही रास्ते पर लाने का काम सशक्त विपक्ष का होता है। जिस पर पार्टी को गहन विचार व मनन करने की जरूरत है, ताकि लगभग दो दर्जन सीटों में सिमटी भाजपा आगामी चुनावों में मजबूती के साथ उभर सके।

डी. पुरंदेश्वरी ने साफ रूप से प्रदेश के नेताओं से कहा कि आपसी समन्वय और तालमेल में कमी की चर्चाएं भी यहां है। इससे यह संदेश जा रहा है कि पार्टी में अंतविरोध है। यह सही नहीं है। कोरोना काल में प्रदेश सरकार की कई विफलताएं हैं उनको प्रचारित करना चाहिए। पार्टी के प्रवक्ताओं और आईटी सेल की भूमिका पर भी उन्होंने सवाल उठाएं हैं। सरगुजा और बिलासपुर संभाग की बैठक के दौरान वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने पार्टी की लचर व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि 15 साल की सरकार के बाद हम 15 सीटों पर सिमट गए इस पर चर्चा और समीक्षा होनी चाहिए। आज डी पुरंदेश्वरी ने भी संकेत दिए कि कोरोना सामान्य होने के बाद संगठन को लेकर बैठकें होंगी। संग्रठन के विस्तार पर विशेष जोर दिया जाएगा। बूथ कमेटियों तक उन्होंने बदलाव के संकेत दिए हैं।