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आरक्षक की संदेहास्पद मौत पर परिवार कर रहा है सीबीआई जांच की मांग,मृतक आरक्षक के भाई ने एस. पी. पर लगाया हत्या का आरोप

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जांजगीर – चांपा।

एक युवा साहसी आरक्षक के निधन की खबर से हर कोई स्तब्ध है।आरक्षक के परिवार के साथ ही पुलिस विभाग में कार्यरत लोगो को भी पुष्पराज का यू चले जाना समझ से परे लग रहा है।पुलिस विभाग का मूल कार्य क्या है यह तो सभी जानते है।पर क्या पुलिस विभाग के अंदर भी बहुत सी ऐसी कारगुजारिया भी अनवरत जारी है जिसमें पुलिस कर्मियों का ही शोषण हो रहा है।कही न कही विभाग की अफसरशाही से विभाग के जवान भी प्रताड़ित है। अपनी प्रताड़ना के खिलाफ बोलने वालों को उच्चाधिकारियों के द्वारा क्या ऐसे ही प्रताड़ित किया जाता है।कुछ दिन पूर्व भी धमतरी के एक जवान का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था जिसमें उस आरक्षक ने मुख्यमंत्री राहत कोष में अपने एक दिन का वेतन देने का विरोध किया था।उसको तत्काल घोर नक्सली क्षेत्र में तबादला करके प्रताड़ित किया गया।क्या पुलिसकर्मियों कोअपने अधिकार के लिए बोलना अपराध की श्रेणी में आता है।क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री को अपने पुलिसकर्मियों की प्रताड़ना के मामले संज्ञान में नही है।या फिर अपनी आंख और कान को बंद करके सत्ता की कुर्सी में विराजित है।

सोशल मीडिया में बड़ी दमदारी से अपनी बात रखने वाले तेजतर्रार आरक्षक पुष्पराज सिंह का अचानक एक्सीडेंट होकर निधन हो जाना,समझ से परे लग रहा है।विभाग के लोगो की लड़ाई में खुलकर अपने सहकर्मियों के लिए सामने आने वाला व्यक्ति आज इस दुनिया से विदा हो गया।पुलिस आंदोलन और सोशल मीडिया में विभाग के खिलाफ खुलकर लिखने वाले आरक्षक पुष्पराज सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिलने के बाद जांजगीर कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए है। इसके लिए जांजगीर एसडीएम मेनका प्रधान को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। लेकिन जिस अधिकारी को जांच के आदेश दिए है वो अभी कोरोना पीड़ित है और वो फिलहाल अभी होम आइसोलेशन में है।

आरक्षक पुष्पराज सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला अब तूल पकड़ लिया है।आरक्षक पुष्पराज सिंह की मृत्यु को लेकर सोशल मीडिया में लोगो ने मैसेज डालना भी शुरू कर दिया है।लोगो को आरक्षक की दुर्घटना फर्जी लग रही है।सोशल मीडिया में लोगो का कहना है कि यह दुर्घटना नही है,यह हत्या का मामला है।इसी बात को लेकर आरक्षक पुष्पराज सिंह का पूरा परिवार भी कह रहा है।इनका कहना है कि इस मामले की सीबीआई जांच करवाई जाए।

कलेक्टर ने इस मामले में जांच के बिंदु तय करके मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए है। दूसरी ओर मृतक के परिजन सीबीआई जांच की मांग कर रहे है। आरक्षक की मौत के बाद से मृतक के घर वाले इसे हत्या बता कर लगातार सोशल मीडिया पर व मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहें हैं। परिजनों के द्वारा विभाग के द्वारा दि गयी 50 हजार की अनुग्रह राशि भी लौटा दि हैं। आरक्षक के भाई ने वीडियो जारी कर इसे सुनियोजित षड्यंत्र बता कर सीबीआई जांच की मांग कि हैं।

गौरतलब हैं कि जांजगीर नया बस स्टैंड में स्थित दारू भट्टी के पास आरक्षक पुष्पराज सिंह की गुरुवार की रात को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी,मृतक ने अपनी मौत के कुछ घण्टे पहले ही जांजगीर के आला अधिकारियों के खिलाफ फेसबुक पे पोस्ट किया था और जिस थाने शक्ति में वह पदस्थ था वहां के टीआई रविन्द्र अनंत पर एक लाख ले कर जुआ चलवाने के आरोप भी लगाए थे जिसके चलते एसपी पारुल माथुर ने एडिशनल एसपी संजय महादेवा को इस आरोप के जांच का जिम्मा सौपा था,और उसकी रिपोर्ट आनी बाकी थी।

मृत आरक्षक पुष्पराज सिंह शक्ति थाने में पदस्थापित रहते हुए दिनांक 30 अप्रेल से बिना सूचना दिए ड्यूटी से गैर हाजिर था जिसकी जांच के लिए एसपी पारुल माथुर ने एएसपी संजय महादेवा को जांच करने के लिए निर्देश दिए थे, जांच के बिंदुओं में आरक्षक द्वारा किया सोशल मीडिया का वह कमेंट भी शामिल था जिसमें उसने एक आरक्षक के द्वारा मुलमुला थाने के टीआई से की गई हाथापाई को सही बताते हुए अपने टीआई से मारपीट करने वाले आरक्षक की हौसला अफजाई करते हुए उसे इनाम देने की घोषणा की थी।

कलेक्टर ने किए जांच के बिंदु तय

एसपी से जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद कलेक्टर ने जांजगीर एसडीएम मेनका प्रधान को मजिस्ट्रियल जांच के लिए जाँच अधिकारी नियुक्त कर निम्न बिंदुओं में जांच के लिए निर्देशित किया हैं।

1-आरक्षक क्रमांक 182 पुष्पराज सिंह की मृत्यु के क्या कारण थे?

2-आरक्षक की मृत्य के लिए क्या कोई दोषी हैं?

3-आरक्षक की मृत्यु संदिग्ध परिस्थियों के अधीन हुई हैं अथवा उसकी अप्राकृतिक मृत्य हुई हैं,और यदि ऐसा नही हुआ तो उसकी मृत्यु का दृश्यमान हेतुक क्या हैं?

4-अन्य बिंदु जो जांच अधिकारी उचित समझें।

#JUSTICE FOR PUSHPRAJ#

मृतक आरक्षक के भाई ने जिले की एस पी पारुल माथुर पर लगाया गंभीर आरोप:

मृतक आरक्षक पुष्पराज सिंह का परिवार शुरू से ही सीबीआई जांच की मांग कर रहा है।सीजी उजाला से इनके भाई का कहना है कि हम न्यायिक जांच नही चाहते है।इस मामले में जांजगीर जिले की एस पी पारुल माथुर शामिल है,इनके ऊपर अपराध दर्ज होना चाहिए।हम सीबीआई जांच की मांग कर रहे है।मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से विनती करता हु कि मेरे भाई की हत्या की गई है,जिसको दुर्घटना का रूप दिया जा रहा है।मेरे भाई की मौत की जांच आप लोग सीबीआई से करवाये।क्या हमको न्याय मिलेगा?

क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री इस मामले की सीबीआई से जांच करवाएंगे।क्योकि यह मामला अब गर्म होता जा रहा है।प्रदेश की सरकार पर भी एक बड़ा सवाल उठता है कि क्या एक आरक्षक का जीवन भी इस प्रदेश में सुरक्षित नही है।आज एक आरक्षक की संदेहास्पद में मौत होना कही न कही बहुत से सवाल उठाते है।क्या प्रदेश की सरकार को अपने पुलिसकर्मियों की जरा भी चिंता नही है?आज मृतक पुलिस कर्मी का परिवार जिले की पुलिस अधीक्षक पर अपने भाई की हत्या का आरोप लगा रहा है क्या न्यायिक जांच से मामले की पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी?