छत्तीसगढ़ की में बड़ी घटना का मामला प्रकाश में आया है।महासमुंद में जेल ब्रेक होने की खबर आ रही है।महासमुंद जेल से आज पांच कैदी फरार हो गए।मामले की जानकारी मिलते ही जेल प्रशासन के साथ जिला प्रशासन का अमला भी महासमुंद जेल पहुँच गया है।कही न कही इस घटना के लिये जेल प्रशासन के साथ ही राज्य सरकार भी दोषी है।
करीब पांच वर्ष से इस जेल में जेल अधीक्षक की पोस्ट खाली पड़ी हुई है।जिसका प्रभार जिले के डिप्टी कलेक्टर (एसडीएम) के पास ही है।प्रदेश की जेल में विभाग के द्वारा अब तक परमानेंट जेल अधीक्षक को नही बैठालना समझ से परे है।जेल ब्रेक की घटना पहले भी इस प्रदेश में घट चुकी है। सरकार की इतनी बड़ी लापरवाही से आज यह घटना घटी है।अब भी अगर नही जागे तो फिर इस सरकार को धन्यवाद,
महासमुंद जेल प्रशासन के साथ जिले के सारे अफसर घटना स्थल (जेल) पहुँच चुके है।क्या इस मामले की जांच प्रदेश की भुपेश सरकार करवाएगी या इतना बड़ा मामल ठंडे बस्ते में जायेगा।क्या जेल विभाग में अफ़सरो की इतनी कमी है कि उनकी जगह पर डिप्टी कलेक्टर को बैठालना पड़ रहा है।जेल जैसे मामले में इतनी बड़ी लापरवाही समझ से परे है।इस मामले में सरकार को जागने की जरूरत है।कुछ समय पहले ही हमने बिलासपुर केंद्रीय जेल की भी खबर लगाई थी। बिलासपुर जेल में जेलअधीक्षक की नियुक्ति चार माह से नही हो पाई है।सरकार का गृह विभाग सोने में मस्त है।प्रदेश के गृहमंत्री को क्या इन सब मामलों की जानकारी ही नही है।या फिर केवल गृहमंत्री नाममात्र के ही है।ऐसे बहुत से सवाल है।
इस मामले को लेकर जेल प्रभार में बैठे अफसर व जेलर को की बार कॉल किया गया पर उन्होंने कॉल अटेंड नही किया।इस मामले में छत्तीसगढ़ उजाला ने डीआईजी के के गुप्ता से पुष्टि की है।तब उन्होंने बताया कि कौन लोग भागे है अभी इसकी जानकारी उनके पास नही आई है।जानकारी आते ही आपको जरूर बताई जाएगी।