छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी ने बड़े बदलाव करने शुरू कर दिए है. सबसे पहले पार्टी ने छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी शैलजा को हटाकर सचिन पायलट को जिम्मेदारी सौंप दी है. ये लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा फैसला है. लेकिन सबसे जरूरी ये है कि आखिर कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी से मुक्त क्यों किया गया? आखिर इसके पीछे क्या वजह है.? चलिए यही आज आपको समझाने की कोशिश करते है.
लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस
दरअसल, छत्तीसगढ़ में कुमारी शैलजा और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया. लेकिन राज्य में 71 सीट वाली कांग्रेस पार्टी को इतनी करारी हार मिली की 9 मंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज भी अपनी सीट नहीं बचा पाए. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी 15 सीट से बढ़कर 54 सीट पर पहुंच गई. इसलिए कांग्रेस पार्टी अब लोकसभा चुनावों में रिस्क लेना नहीं चाहती है. राजस्थान के बड़े दिग्गज और यूथ में पॉपुलर नेता सचिन पायलट को राज्य की जिम्मेदारी मिली है. अब पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों में चुनाव लड़ेगी.
पूर्व विधायकों ने कुमारी शैलजा के खिलाफ की थी शिकायत
आपको बता दें कि कुमारी शैलजा के प्रभारी छत्तीसगढ़ के रूप में कई विवादों में रही है. चुनाव से पहले तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के बीच अनबन की खबरें आती रही. एक वक्त तो ऐसा आया कि प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के नियुक्तियों को कुमारी शैलजा ने एक झटके में समाप्त कर दिया है. इसके बाद बाद मोहन मरकाम की जगह सांसद दीपक बैज को पार्टी ने कमान सौंपी, वो भी चुनाव के ठीक पहले. लेकिन तब भी कुमारी शैलजा का विवादों से नाता नहीं टूटा. चुनाव के टिकट वितरण के दौरान 22 विधायकों के टिकट काटे जाने पर भी पूर्व विधायकों ने कुमारी शैलजा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
पूर्व विधायक ने कहा प्रभारी छत्तीसगढ़ में मौज मस्ती करने आए
माना यह भी जाता रहा कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच के झगड़े को शांत करवाना चाहती थी. इसलिए कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ प्रभारी बनाकर भेजा गया था. वहीं चुनाव में करारी हार के बाद पूर्व विधायकों ने कुमारी शैलजा के खिलाफ कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व के सामने शिकायत की पूर्व विधायक विनय जायसवाल और बृहस्पत सिंह ने खुलेआम कुमारी शैलजा पर गंभीर आरोप लगाए. बृहस्पत ने कहा कि कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ में बस मौज मस्ती करने के लिए भेजा गया था. इसके साथ ही विनय जायसवाल ने तो कुमारी शैलजा पर पैसे के लेनदेन का भी आरोप लगाया था.