Home छत्तीसगढ़ आज नेशनल लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन

आज नेशनल लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन

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राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के दिशानिर्देशन में आज जिला एवं सत्र न्यायालय सूरजपुर, कुटुम्ब न्यायालय सूरजपुर, तालुका न्यायालय प्रतापपुर एवं जिले के समस्त राजस्व न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत का शुभारंभ श्री गोविन्द नारायण जांगड़े, जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सूरजुपर, न्यायिक अधिकारीगण एवं अधिवक्तागण द्वारा द्वीप प्रज्वलन कर किया गया। आज के नेशनल लोक अदालत में प्रकरण के पक्षकारों को भौतिक रूप से एवं वर्चुअल वीडियों कान्फ्रेसिंग दोनो मुख्य माध्यमों से मामलों में सुलह की सुविधा प्रदान की गई। लोक अदालत में न्यायालय में लंबित आपसी विवाद के मामले, व्यवहार वाद, मोटर दुर्घटना दावा, परिवारिक विवाद, जिला न्यायालय में वर्षों से लंबित राजस्व प्रकरणों एवं बैंक ऋण, बकाया बिजली बील, जल के बकाया देयकों का प्रीलिटिगेशन प्रकरण नेशनल लोक अदालत में रखे गये थे। रखे गये प्रकरणों में खण्डपीठ क्रमांक 02 के पीठासीन के समक्ष पति-पत्नी के आपसी मतभेद के कारण वर्षों से अलग रह रहे परिवार आपस में साथ रहने पीठासीन अधिकारी के समक्ष समझौता कर उपस्थितजन के समक्ष एक दूसरे को फूलों की माला पहनाकर खुशी-खुशी एक साथ रहने का वादा कर घर गये। वहीं खण्डपीठ क्रमांक 4 के समक्ष पति के मत्यु पश्चात् मृतक द्वारा किये गये जीवन बीमा निगम के 3 पालिसी एवं डाक घर में किये आर. डी. पालिसी की जमा राशि 12 लाख 74 हजार 900 रु. में नामिनी में मृतक के भाई का नाम होने को लेकर मृतक की पत्नी ने अपनी सासु माँ पर हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत् मामला पेश किया था। जिस कारण परिवार में आपसी मतभेद रहा जो आज के नेशनल लोक अदालत में सास और बहु एवं देवर ने पीठासीन अधिकारी के समक्ष जमा सम्पूर्ण राशि मृतक के अवयस्क पुत्र एवं पत्नी को प्राप्त हो पर समझौता कर सभी एक साथ मिलकर घर गये।
प्रकरणों के निराकरण हेतु जिले में कुल 29 खण्डपीठ गठित किये गये थे। नेशनल लोक अदालत में समस्त न्यायालयों से 776 लंबित प्रकरण एवं 6879 प्री-लिटिगेशन प्रकरण विचारार्थ में रखे गये थे। जिसमें कुल 1875 प्रकरण के पक्षकारों में आपसी समझौते के आधार पर सफलता पूर्वक निराकरण कर कुल 1 एक 73 तिहत्तर लाख40 हजार 640 रूपये का जिला सूरजपुर द्वारा अवार्ड पारित किया गया। लोक अदालत में कुल 1875 प्रकरणों से संबंधित पक्षकारगण लाभान्वित हुये।