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चक्रवाती तूफान मिगजौम का छत्तीसगढ़ में असर, अगले 3 दिन बारिश के आसार, किसान परेशान

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चक्रवाती तूफान ने तमिलनाडु में कहर बरपाया है. इसका असर आज छत्तीसगढ़ में भी दिखने लगा है. राजधानी रायपुर में देर रात से मौसम ने करवट ली है. रिमझिम फुहारों के साथ बारिश हो रही है. इससे रायपुर में ठंड बढ़ गई है. इसका असर अगले 3 दिन तक रहने के आसार मौसम विभाग ने जताया है. इससे किसानों की परेशानी बढ़ सकती है. क्योंकि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी ठीक चरम पर पहुंची है. किसान फसल काट मंडी में धान बेच रहे है. लेकिन बारिश के कारण किसान की चिंता बढ़ गई है.

छत्तीसगढ़ में चक्रवाती तूफान मिगजौम का असर
दरअसल दक्षिण बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान मिगजौम के चलते तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में भारी बारिश हो रही है. इसका असर आंध्रप्रदेश से लगे छत्तीसगढ़ राज्य में भी हो रहा है. खासकर इसका प्रभाव बस्तर संभाग में देखने को मिल रहा है. इसके साथ मध्य छत्तीसगढ़ तक भी आसमान में बादल छाए हुए है. रायपुर में बुधवार सुबह रिमझिम बारिश के साथ हुई है. इसके बाद रायपुर मौसम विभाग ने अगले 3 दिन के लिए हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी जारी कर दी है.

छत्तीसगढ़ में अगले 3 दिन बारिश होने का आसार
आपको बता दें कि तूफान उत्तर दिशा में तटीय आंध्र प्रदेश के समानांतर आगे बढ़ते हुए नेल्लौर और मछलीपट्टनम के मध्य आज दोपहर एक प्रबल चक्रवाती तूफान के रूप में पहुंचने की संभावना है. इस समय इसकी गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे रहने की संभावना है. अब रायपुर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि 5 और 6 दिसंबर को प्रदेश के दक्षिण-पूर्व में स्थित जिलों में एक दो स्थानों में भारी वर्षा भी होने की संभावना है.बस्तर संभाग और उससे लगे जिले संभावित है.

इसका असर प्रदेश के मध्य भाग में 5-6 और 7 दिसंबर को हल्की से मध्यम बारिश होने और गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. इसलिए प्रदेश में अधिकतम तापमान में गिरावट होने की संभावना है और न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है.

बारिश से किसानों की परेशानी बढ़ाई
गौरतलब है कि चक्रवाती तूफान के चलते किसानों की परेशानी बढ़ गई है. किसान खेत में धान कटाई कर रहे हैं. ऐसे में बारिश से किसानों को भारी नुकसान हो सकता है. इसके साथ मंडियों में हो रही धान खरीदी भी प्रभावित होने की संभावना है. मंडियों में रखें धान के भीगने का भी खतरा बढ़ गया है. इस लिए बारिश के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है.