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कैसे काम करेंगे साइबर थाने:5 लाख से ऊपर की ठगी के मामलों की जांच साइबर क्राइम एक्सपर्ट करेंगे, पहली बार CG में ऐसी व्यवस्था

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के 5 रेंज में साइबर थाने शुरू किए हैं। थानों की बिल्डिंग का उद्घाटन तो हो गया। मगर ये समझना जरूरी है कि आम आदमी की मदद ये थाने कैसे करेंगे। साइबर अपराधों को ध्यान में रखकर इन थानों के कांसेप्ट पर छत्तीसगढ़ पुलिस काम कर रही है। ऑनलाइन ठगी, सोशल मीडिया पर होने वाले फ्रॉड जैसे केसेस इन थानों में मौजूद साइबर एक्सपर्ट संभालेंगे।

साइबर थानों के आ जाने से सामान्य थानों और साइबर सेल में भी शिकायतें दे सकेंगे। गंभीर अपराध और प्रकरणों में टेक्निकल सहायता के लिए खास तौर पर साइबर थाने काम करेंगे। बड़े मामले यहां भेजे जाएंगे। यह साइबर थाने रायपुर के अलावा बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा रेंज में शुरू किए गए हैं। इन रेंज में आने वाले सभी जिलों के गंभीर साइबर अपराध मामलों की जांच साइबर थानों द्वारा ही की जाएगी।
इन जिलों के लोग कर सकेंगे शिकायत
एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि साइबर थानों को रेंज स्तर पर काम करने के लिए तैयार किया गया है। रायपुर रेंज के तहत आने वाले पांचों जिले जिनमें रायपुर, बलौदा बाजार भाटापारा, गरियाबंद महासमुंद, धमतरी शामिल है। दुर्ग रेंज का साइबर थाना राजनांदगांव, कबीरधाम बेमेतरा, बालोद के लिए हाेगा।

बिलासपुर रेंज का साइबर थाना बिलासपुर, कोरबा जांजगीर चांपा, मुंगेली, रायगढ़, जीपीएम के लिए। अंबिकापुर रेंज का साइबर थाना अंबिकापुर, सरगुजा कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर के लिए। बस्तर रेंज का साइबर थाना जगदलपुर, कांकेर, बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव, कांकेर सुकमा जिलों की शिकायतों पर काम करेगा।

साइबर थाने में कैसे दर्ज होगी FIR
साइबर थाने में अन्य अपराध जैसे हत्या, बलात्कार, चोरी, लूट, डकैती के मामले दर्ज नहीं किए जाएंगे। यहां सिर्फ डिजिटल माध्यमों से होने वाले क्राइम, ऑनलाइन फ्रॉड, सोशल मीडिया से किए जाने वाले अपराधों पर छानबीन की जाएगी। रायपुर के एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि 5 लाख से अधिक की ठगी के मामले, गंभीर प्रवृत्ति के मामले जिनमें हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके लोगों के साथ वारदात की गई हो।

लोगों के खातों से रकम पर कर दी जाती है या उनके पर्सनल डाटा को लीक किया जाता है ऐसे मामले में साइबर थाने की टीम काम करेगी। साइबर थानों में पहले से ही डिजिटल अपराधों पर कम कर रहे अनुभवी इंस्पेक्टर्स और जवानों की तैनाती की गई है जो हर तरह के साइबर क्राइम केस को हैंडल करने का अनुभव रखते हैं।