रायपुर: राजधानी में आज बूढ़ादेव यात्रा निकाली गई। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और सर्व आदिवासी समाज के इस संयुक्त आयोजन में एक बड़ा जुलूस भी निकाला गया। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पहुंचे आदिवासी समुदाय के लोगों ने इस जुलूस में हिस्सा लिया। मुख्य चौक चौराहो से होते हुए यात्रा बुढ़ापारा स्थित धरना स्थल पहुंची। इस यात्रा में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से आदिवासी अपने आराध्य बूढ़ादेव के रथ लेकर आए। इनमें बूढ़ादेव की आकृति और ज्योत जलाई गई थी। सभी गांवों से मिट्टी लाई गई। इस मिट्टी को बूढ़ातालाब में डाला जाएगा। आउटडोर स्टेडियम रैली के बाद सभा भी ली गई।
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रमुख अमित बघेल ने बताया की बूढ़ा तालाब में बुढा देव की प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी है । उन्होंने कहा कि प्राचीन इतिहास रहा है कि बूढ़ा तालाब में आदिवासी समुदाय के आराध्य बूढ़ादेव की पूजा-अर्चना होती रही है। इसी वजह से इसका नाम बूढ़ा तालाब है। मगर कुछ बाहरी लोग इसका नाम बदलकर विवेकानंद सरोवर रखना चाहते हैं। यह बाहरी संस्कृति की साजिश है हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। अमित बघेल ने यह भी कहा कि बूढ़ा तालाब को मूलनिवासी इसी नाम से जानते रहे हैं और जानते रहेंगे। अगर इसका नाम बदलने की कोशिश की जाएगी तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर स्वामी विवेकानंद के नाम पर ही कोई तालाब रखना है तो दूसरा तालाब खोद ले मगर इस तालाब का नाम बदला नहीं जा सकता।