राजनांदगांव: राज्य के राजनाँदगाँव जिले के कांकेतारा गाँव से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है जहाँ ,किसी दुष्कर्म के आरोपी को मौत की सजा दी गई हो। जिले के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी आरोपी को मौत की सजा सुनाई गई है। दुष्कर्म को अंज़ाम देने के मामले में आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत फांसी की सजा सुनाई गई है। राजनांदगॉव जिले के चिखली पुलिस चौकी में अपराध का मामला दर्ज कर पुलिस ने त्वरित कार्यवाही की है।
जानकारी के मुताबिक मामला चिखली थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम काकेतरा का है। जहाँ अगस्त 2020 को आरोपी शेखर कोर्राम 24 वर्ष ने 3 साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर साक्ष्य छिपाने का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने मासूम की लाश को दीवान में छुपा दिया था। जब पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी तब रासायनिक जांच के आधार पर आरोपी को दोषी पाया गया।दुष्कर्मी के खिलाफ धारा 302,376 और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन सभी साक्ष्यों के आधार पर ए.डी.जी. शैलेष शर्मा ने आरोपी को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई। इस मामले पर लोक अभियोजक परवेज अख्तर ने पैरवी की।
राज्य की जेलों में एक महिला समेत कुल नौ बंदी ऐसे हैं ,जिन्हें फांसी की सजा हुई है। इसमें छह मासूमों के गुनहगार हैं। चार पर मासूम बच्चियों से दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप सिद्ध हुआ है। वहीं, एक दंपती अबोध बच्चे की बलि चढ़ाने मामले में दोषी है। इस दंपती की फांसी की सजा पर इसी वर्ष अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है। इस मामले के साथ ही बाकी प्रकरण भी फिलहाल कानूनी प्रक्रिया में फंसे हुए है।