मंत्री बनाम विधायक विवाद पहुँचा पुलिस की चौखट तक
छत्तीसगढ़ काँग्रेस के इस आपसी झगड़े में कही मुख्यमंत्री की कुर्सी तो नही
पंजाब और राजस्थान के बाद जिस प्रकार से लगातार छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कलह बढ़ती ही चली जा रही है इससे यह साफ समझा जा सकता है कि अगर पार्टी आलाकमान ने किसी भी बड़े फेरबदल की तरफ अपना रुख इख्तियार नहीं किया तो यह घमासान किसी बड़े नुकसान की तरफ कांग्रेस को पटक सकती है। राज्य में कांग्रेस के विधायक बृहस्पति सिंह के काफिले पर हमले का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव पर उनके ही पार्टी के विधायक बृहस्पति सिंह ने हमला कराने का आरोप लगा दिया है।
अब स्थिति उससे भी कई गुना ज्यादा गंभीर इसलिए हो गई है क्योंकि यह कुछ वैसा ही है कि “जिसने तुम्हें अस्तित्व में लाया अब वही तुम्हारे जान का दुश्मन” वाली बात बृहस्पति सिंह के स्क्रिप्टेड आरोप ने सच कर दिखाई है। हालांकि बृहस्पति सिंह की स्क्रिप्ट थोड़ी कमजोर है और वह अपनी कमजोर स्क्रिप्ट में बहुत ज्यादा कामयाब होते नहीं दिख रहे हैं मगर बावजूद इसके उनके इस Z सुरक्षा पाने के लिए किए गए प्रयास ने राज्य में पूरी तरह से स्तिथि विपरीत कर दी है।
वही लगातार जिस प्रकार से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनका समर्थन करने वाले मंत्री और विधायक मजाक कर रहे हैं उसे लेकर के टीएस सिंह देव बहुत ज्यादा नाराज है। उनकी नाराजगी वाजिब भी है क्योंकि वह हमेशा से ही किसी भी विवादास्पद बयान देने से बचते आए हैं और ना ही वह आरोप-प्रत्यारोप और गुटबाजी की राजनीति करते हुए नजर आते है।
बीते मंगलवार 27 जुलाई को उन्होंने विधानसभा सत्र बीच में ही छोड़ दिया और वह सदन से बाहर निकल गए। अपनी ही सरकार के मंत्री के सदन से बाहर जाने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी आलाकमान ने कोई भी टिप्पणी अब तक नहीं की है। वही भाजपा को कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका मिल गया है।
• बिन खेले लौटे क्रीज़ से “बाबा”
विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही लगातार टीएस सिंह देव जिन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है उन्हें चकरघिन्नी की तरह घुमाया जा रहा है। वे राज्य के मुख्यमंत्री के पद के प्रमुख दावेदारों में से एक है यहां तक कि यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि ढाई साल में उन्हें सीएम बना ही दिया जाएगा मगर ऐसा भी अब तक कुछ नहीं हुआ और ढाई साल से ज्यादा का वक़्त गुजर चुका है।
वही रामानुजगंज से कांग्रेस के विधायक बृहस्पति सिंह के काफिले पर कथित तौर पर हुए हमले के विरोध में कांग्रेस सरकार के खिलाफ अब वह नाराज नजर आ रहे है। उन्होंने सदन में यह कहा कि जब तक सरकार कांग्रेस विधायक पर हुए हमले के मामले में जांच का आदेश या कोई खास बयान नहीं देती है तब तक वह इस प्रतिष्ठित सदन का हिस्सा नहीं बनेंगे। ऐसा कहने के साथ ही टीएस सिंह देव ने विधानसभा से बाहर जाने का रास्ता खुद के लिए चुन लिया।
इससे पहले बीते 26 जुलाई को भाजपा ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में विधायक बनाम मंत्री वाले मामले में बघेल सरकार को खूब घेरा। विपक्षी दल ने इस पूरे मामले में सदन की कमेटी से जांच कराने की मांग की है। 27 जुलाई को राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने इस मामले में सदन में एक बयान भी दिया है मगर इससे भाजपा बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव अपने सरल, सौम्य छवि के लिए पूरे राज्य और देश में जाने जाते है। सिंह देव ने नाराजगी जाहिर करते हुए यह कहा कि उनकी छवि के बारे में सभी लोग जानते है।
• पूर्व मुख्यमंत्री ने भूपेश सरकार को बताया विफल
भाजपा के कद्दावर नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस पूरी घटना को लेकर के भूपेश सरकार को विफल बताया है। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में यह सरकार पूरी तरह विफल रही है, सरकार का मंत्री सरकार के प्रति अविश्वास प्रकट करता है और यह कहता है कि जब तक मुझे संतोषजनक जवाब नहीं मिलेगा तब तक मैं विधानसभा में कदम नहीं रखूंगा एक मंत्री को जब सरकार से उम्मीद नहीं है तो राज्य के 2.7 करोड़ लोग कैसे इस सरकार पर भरोसा कैसे करें।
• क्या मुख्यमंत्री की कुर्सी से दूर करने के लिए बाबा के दामन को किया जा रहा है गंदा
जिस प्रकार से राज्य में विधानसभा चुनाव के खत्म होने के बाद कांग्रेस की सरकार बनने पर ऐसी बातों ने सुर्खियां बटोरी हुई थी कि ढाई वर्ष बाद टीएस सिंह देव को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा उसे देखते हुए इन दिनों लगातार बीते 17 जून को छत्तीसगढ़ सरकार के ढाई वर्ष पूर्ण होने के बाद से राज्य में सियासत में गर्माहट चरम पर है।
जिस प्रकार से भूपेश बघेल टीएस सिंह देव को लगातार दरकिनार किए हुए हैं और अब बृहस्पति सिंह के कमजोर स्क्रिप्ट वाले सियासी आरोप ने सौम्य और शांतिप्रिय टीएस सिंह देव की छवि पर जो भी थोड़ा बहुत प्रभाव डाला है उससे यह साफ समझा जा सकता है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद की कुर्सी से दूर करने के लिए लगातार पार्टी के ही लोग प्रयासरत है क्योंकि वैसे भी राज्य में अगर कोई मुख्यमंत्री पद का दावेदार है तो वह है टीएस सिंह देव। जनता, अधिकारी और विधायक भी मुख्यमंत्री पद का बदलाव चाह रहे हैं मगर शायद भूपेश बघेल अपनी कुर्सी किसी को भी अभी देने के मूड में नही है।
ऋषभ तिवारी
(राजनीतिक उठापठक में
रुचि रखने वाले स्वतंत्र पत्रकार)