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CMHO की मनमानी से त्रस्त है जिले की जनता, सवाल करने वाले पत्रकारों को कर देते हैं ब्लॉक

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छत्तीसगढ़ उजाला।
जांजगीर चाम्पा: प्रदेश में कोविड-19 का दूसरा लहर जारी है जिसमें लगातार संक्रमित व्यक्तियों की संख्या जिस तरह बेतहाशा बढ़ी है उसी तरह मौतों की भी संख्या बढ़ रही है । फिलहाल छत्तीसगढ़ में दूसरी लहर पर जल्द ही काबू पाया जा रहा है। जो भयावह स्थिति बनी हुई थी उससे छत्तीसगढ़ उभर रहा है
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिला मैं स्वास्थ्य विभाग के मुखिया एस. आर. बंजारे मुख्य चिकित्सा अधिकारी जांजगीर चांपा को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हुई लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए एक नया पैंतरा आजमाया जा रहा है। जिले में हो रहे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को आम लोग या पत्रकार सोशल मीडिया(व्हाट्सएप) के माध्यम से तस्वीरों व खबरों को जब उनको भेजा जाता है तो जिले के माननीय डॉक्टर एस. आर. बंजारे के द्वारा अपने व्हाट्सएप नंबर से उसे ब्लॉक कर दिया जाता है कि वह दोबारा ऐसी तस्वीरें व खबरे उनको न पहुंचाएं तथा शुतुरमुर्ग की भांति अपने सिर को रेत में धंसा देने जैसी स्थिति जांजगीर जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा देखा जा रहा है।
जबकि इस कोविड-19 वायरस की चपेट में पूरा छत्तीसगढ़ है व सभी जिले में फैला हुआ है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से पिछले 1 वर्षों से इस वायरस से लड़ रहा हैं जिससे कि उनके कामों पर अधिक दबाव आ रहा है किंतु यह ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि जब कोई जरूरतमंद व्यक्ति उन्हें कॉल करे तो कॉल को रिसीव ही ना करे । कॉल रिसीव नहीं करने की स्थिति में अगर वो व्यक्ति उनको व्हाट्सएप के माध्यम से कोई जानकारियां लेने या देने की कोशिश करें तो उन्हें सीधा ब्लॉक कर दिया जाता है। जिम्मेदार पद पर आसीन अधिकारी द्वारा ऐसी हरकत करना अशोभनीय नहीं तो और क्या है।
हाल ही में पत्रकार लक्ष्मीकांत बरेठ द्वारा सीएमएचओ डॉक्टर बंजारे को सिविल डिस्पेंसरी बाराद्वार की तस्वीरों को उनके व्हाट्सएप नंबर पर साझा करने की कोशिश की गई । लेकिन सीएमएचओ डॉक्टर बंजारे द्वारा इस समस्या का समाधान करने की बजाय उन्हें ही ब्लॉक कर दिया गया। इसके पश्चात एक अन्य पत्रकार फ्लेश पांडेय के द्वारा भी उनको बाराद्वार सिविल डिस्पेंसरी में अव्यवस्था के संबंध में व्हाट्सएप्प के माध्यम से खबर व तस्वीरों की जानकारी देने के लिए उनके नंबर पर साझा किया पर उनका भी वही हश्र हुआ और उनका भी नंबर ब्लॉक कर दिया गया ताकि खबरों व तस्वीरों को देख कर संज्ञान न लेना पड़े और व्यवस्था सुधारने के लिए कोई कार्यवाही न करना पड़े।
पत्रकार लक्ष्मीकांत बरेठ और फलेश पांडेय के अलावा अनेक पत्रकारों के साथ वे ऐसे ही नापाक हरकत कर चुके हैं।
इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि वह स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ऊपर कितना पर्दा डालने की कोशिश करते रहते हैं या यूं कहें कि वे जिले में हो रहे स्वास्थ्य विभाग से आम लोगों की परेशानियों को नजरअंदाज करने की कोशिश में लगे रहते हैं।कई पत्रकारों व नागरिको द्वारा भी इस बात को सही बताया गया अब यदि पत्रकारों के साथ ऐसा किया जाता है तो आम नागरिक की तो बात ही छोड़िये। पत्रकार शासन-प्रशासन व समाज को आइना दिखाने का काम करते है लेकिन डॉक्टर बंजारे जैसे अधिकारी समस्याओं का निराकरण करने की बजाए उससे मुंह छिपाते भागते फिरते हैं। इससे सरकार की छवि खराब होती है क्योंकि पीड़ित लोग ऐसे अधिकारियों को जब कोसते हैं तो उसका ठीकरा सरकार पर भी फोड़ा जाता है ।
बहरहाल क्षेत्र के पत्रकारों और आम लोगों को इंतजार है कि सीएमएचओ कार्यालय में कुंडली मारकर बैठे डॉक्टर बंजारे का यहां से ट्रांसफर हो और लोगों को उनसे राहत मिले ।