छत्तीसगढ़ में तीन बार सत्ता चलाने वाली भाजपा अगले चुनाव की पुरजोर तैयारी में लग चुकी है।प्रदेश भाजपा को मजबूत करने की दिशा में भाजपा हाईकमान अपने नेताओं को प्रदेश का दौरा करने का फरमान जारी किया था।इसी आधार पर भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन प्रभारी शिव प्रकाश,प्रदेश भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी व सह प्रभारी नितिन नवीन प्रदेश का कई मर्तबा दौरा कर चुके है।भाजपा संगठन के भीतर काफी समय से उठापटक चल रही है। प्रदेश भाजपा में नेतृत्व में भी बड़े बदलाव को लेकर बातें बाहर आ रही है, संगठन में आज भी पुराने चेहरे बैठे हुए है।इस बात को लेकर पार्टी के भीतर कार्यकर्ताओं में बदलाव की बाते भी चल रही है।पार्टी के कई नेता व कार्यकर्ता बड़े पैमाने पर बदलाव करने की बात कह रहे है।प्रदेश में मजबूत विपक्ष का दायित्व पार्टी नही निभा पा रही है,ऐसा पार्टी के कई नेताओं को लगता है।
प्रदेश में काबिज कांग्रेस सरकार के खिलाफ विपक्ष कमजोर साबित हो रहा है।बड़े बड़े मुद्दों पर भी प्रदेश भाजपा के नेताओ ने ध्यान नही,छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार से जनता नाराज भी चल रही है। इस समय पार्टी को जनता के बीच जाकर अच्छा कार्य करने की आवश्यकता थी।जिसको पार्टी के वर्तमान संगठन ने नही किया।ऐसे बहुत से मुद्दों को लेकर भाजपा हाईकमान अब कड़े फैसले ले सकता है। पार्टी के आला नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत होने की जानकारी आ रही है. संगठन में बड़े बदलाव करने की चर्चा काफी समय से जोरो पर है।
सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ में भाजपा दो या एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का भी फैसला कर सकती है. इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष बदले जाने की भी बातें सामने आ रही हैं.हालांकि भाजपा का संगठन अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है, लेकिन प्रदेश में बड़े बदलाव की संभावना को दरकिनार नहीं किया गया है.कांग्रेस सरकार के खिलाफ आक्रामक लड़ाई को लेकर भाजपा प्रदेश में बड़े बदलाव की तैयारी में है।
आगामी चुनाव को लेकर कई समीकरणों पर गहन मंथन भाजपा हाईकमान के द्वारा किया जा रहा है. प्रदेश प्रभारियों ने अपने दौरे में संगठन के कामकाज, नेताओं की गुटबाजी, राज्य की जातिगत समीकरण,कांग्रेस सरकार के खिलाफ विपक्ष की कमजोरी, संगठन के स्तर पर बदलाव जैसे तमाम पहलूओं पर समीक्षा की और रिपोर्ट पार्टी के केन्द्रीय आलाकमान को भी भेजा भी गया है। जिसके बाद हाईकमान ने संगठन को मजबूत किये जाने की बात कही है।
छत्तीसगढ़ भाजपा में क्या दो कार्यकारी अध्यक्ष का बनेगा फार्मूला?
प्रदेश भाजपा संगठन में दो कार्यकारी अध्यक्ष का फार्मूला लागू किए जाने को लेकर भी चर्चा शुरू हो गयी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय को प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी वर्ग से आने की वजह से बनाया गया था,पर उनकी सहजता व सरलता से भाजपा आगामी चुनाव को जीत पाने में असमर्थ सी दिखती है। छत्तीसगढ़ भाजपा में आक्रामकता की आवश्यकता है, जिसको लेकर प्रदेश भाजपा के सीनियर विधायक बृजमोहन अग्रवाल व अजय चंद्राकर को बड़ी जिम्मेदारी देने की भी चर्चा सामने आ रही है।
भूपेश सरकार के खिलाफ जनता के सामने जाने के लिए दमदारी से बातें रखने वालो को आगे लाने की बात हो रही है। कोरोना काल मे भी प्रदेश भाजपा ने ध्यान नही दिया,कांग्रेस सरकार की लचर व्यवस्था से जनता त्रस्त हो गयी थी,उस समय भी प्रदेश भाजपा के नेताओ का गायब होना भी समझ से परे था।वर्तमान कांग्रेस सरकार की नीतियों को लेकर भाजपा का बड़ा प्रदर्शन अब तक नही किया जाना भी चर्चा का विषय है।
भाजपा प्रदेश में अपनी सरकार बनाने की तैयारी को लेकर अब कमर कस चुकी है।वर्तमान चुनौतीयो को स्वीकार करते हुए बड़े परिवर्तन करने के मूड में दिख रही है। प्रदेश में आदिवासी वर्ग,ओबीसी व सामान्य वर्ग को साधने के लिए भाजपा अपनी नई तैयारी में लग रही है।सत्ता के खिलाफ सड़को पर आकर लड़ाई कैसे लड़े,ऐसे बहुत से सवालों पर मंथन करके फैसला करने की तैयारी में है। संगठन में उस आक्रामकता को लाने के लिए अध्यक्ष के साथ ही दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की तैयारी है।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय के साथ दो कार्यकारी अध्यक्ष बनने से भाजपा को बड़ा फायदा हो सकता है।इसमे ओबीसी व सामान्य वर्ग के दो नेताओं को लिया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश भाजपा में जिन नामों पर विचार किया गया उनमें एक नाम पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल व पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का भी है.साथ ही आरएसएस के एक बड़े नेता के साथ ही वर्तमान एक सांसद का भी नाम लिया जा रहा है।
प्रतिपक्ष नेता के लिए तेजतर्रार विधायक बृजमोहन अग्रवाल या अजय चंद्राकर व के नाम पर हो सकता है फैसला
नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी बृजमोहन अग्रवाल व अजय चंद्राकर के नाम पर फैसला होने की चर्चा है।प्रदेश की सत्ता में ओबीसी वर्ग का बड़ा खेल रहता है,इस वर्ग को नाराज करने की हिमाकत संगठन नही करेगा।और इस वक्त राज्य की राजनीति में ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी है। धरमलाल कौशिक की नियुक्ति भी इसी वजह से हुई थी।वैसे कौशिक रमन सिंह गुट से जाने जाते है।अभी तक छत्तीसगढ़ की राजनीति में रमन सिंह के गुट का एकतरफा खेल चलता रहा है।अब ऐसा लग रहा है भाजपा हाईकमान बड़े बदलाव करने का मन बना चुका है।हाईकमान ने प्रदेश के नेताओ को गुटबाजी खत्म करने की बात भी कही है।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि ओबीसी वर्ग से ही आने वाले पूर्व मंत्री और सदन में मुखरता से अपनी बाते रखने वाले कुरूद विधायक अजय चंद्राकर का नाम आगे बढ़ाया गया है।नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर काफी समय से सुगबुगाहट चल रही थी।अब ऐसा लग रहा है कि बहुत जल्द पार्टी हाईकमान बदलाव करेगा।
संपादक
अनिल मिश्रा की कलम से✍️