रायपुर/बिलासपुर। एम्स में बीएससी नर्सिंग की छात्रा साक्षी दुबे की आत्महत्या के मामले में सर्वसमाज समिति ने एम्स प्रबंधन को न्याय पूर्व जांच को लेकर ज्ञापन सौंपा। जयराम दुबे के नेतृत्व में पहुंचे युवा प्रबंधन से चर्चा करते हुए उचित जवाब न मिलने पर वहीं धरने पर बैठ गए। मामले की जानकारी लगते ही आजाद चौक सीएसपी अंकिता शर्मा दलबल के साथ पहुंचीं। इधर, जानकारी लगते ही एम्स डायरेक्टर डॉ. नितिन एम. नागरकर ने प्रतिनिधि मंडल को मिलने के लिए बुलाया।
सदस्यों ने बताया कि दो जुलाई को एम्स के हॉस्टल में आत्महत्या के बाद पुलिस में स्वजनों ने एम्स में रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कुमार वोधे पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। सदस्यों ने डॉ. वोधे के खिलाफ विभागीय जांच की मांग की। धरने की जानकारी मिलते ही सांसद सुनील सोनी एम्स प्रबंधन को फोन कर वस्तुस्थिति से अवगत हुए।
उन्होंने बताया कि आत्महत्या मामले में विभागीय जांच के लिए टीम बनाने के निर्देश दिए हैं। साक्षी को न्याय दिलाने के लिए सर्वसमाज समिति युवाओं ने प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, राज्य महिला आयोग को भी पत्र लिखकर संज्ञान लेने की मांग की है। मौके पर सर्व समाज समिति के दलविंदर बेदी, तरुण शर्मा, सुब्रतो हलदर, राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन छग के राज्य संयोजक शांतनु राय, विकास, साईं समेत अन्य युवा मौजूद थे।
वर्जन
मामले की जांच की जा रही है। शिकायत पर एम्स के डा. नरेंद्र कुमार वोधे को भी थाने बुलाया गया था। मृतका के सहपाठियों से भी पूछताछ की गई। हर स्तर पर जांच की जा रही है।
-अंकिता शर्मा, सीएसपी, आजाद चौक, रायपुर
वर्जन
साक्षी के आत्महत्या मामले में सामाजिक संगठन के सदस्यों ने एम्स को विभागीय जांच के लिए ज्ञापन सौंपा है। हम अपने स्तर पर जांच करा रहे हैं। पुलिस की जांच में भी पूरा सहयोग किया जा रहा है।
-शिवशंकर शर्मा, पीआरओ, एम्स
न्यायधानी बिलासपुर :-
साक्षी आत्महत्या मामले में कोई ठोस कार्यवाही न होता देख अब मानवता ने साक्षी के परिजन को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाया है।
टीम मानवता ने इसी कड़ी में बिलासपुर के रिवरव्यू में काफी संख्या में एकत्रित होकर अपनी आवाज बुलंद की। इस दौरान साक्षी के पिता सुरेन्द दुबे भी आयोजन में पहुचे, मानवता के संस्थापक राजीव चौबे ने बताया हमारी मांग है कि इस केस में स्वत्रंत न्यायिक जांच हो जिससे सच्चाई सामने आएगी । उन्होंने बताया कि यूं ही कोई आत्महत्या नही करता। उन्होंने कहा एम्स के एचओडी डॉ नरेंद्र बोदे की गतिविधियां संदिग्ध लग रही है । हमारी मांग है एम्स प्रशासन सबसे पहले उनको पद से तत्काल हटाये। जिससे जांच निष्पक्ष हो सके । इस दौरान भारी संख्या में शहरवासियों का हुजूम बेटी को श्रद्धांजलि देने उमड़ पड़ा। हर सख्श एम्स प्रशासन के इस अमानवीय रवैये को लेकर नाराजदगी जाहिर करता दिखा।
5 जुलाई को एम्स में पढ़ रही बिलासपुर की छात्रा साक्षी दुबे की फांसी पर लटकती लाश मिली थी। हॉस्टल के कमरे में सीलिंग फैन के फंदे पर उसका शव लटक रहा था। बिलासपुर के जोरापारा में रहने वाली साक्षी रायपुर एम्स में बीएससी पैरामेडिकल की स्टूडेंट थी और वह रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रथम वर्ष में पढ़ रही थी। साक्षी एम्स परिसर के नर्सिंग हॉस्टल में पिछले 6 महीने से रह रही थी। परिजनों का आरोप है कि साक्षी के आत्महत्या के पीछे एचओडी डॉ नरेंद्र बोधे जिम्मेदार है।
अब एचओडी बोधे के खिलाफ एम्स प्रबंधन ने भी जांच समिति बिठा दी है, लेकिन आरोप है कि अभी भी एम्स प्रबंधन कई साक्ष्य छुपा रहा है, जिससे इंसाफ मिलना संदेहास्पद है। मीडिया के साथ नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और अब टीम मानवता भी दुबे परिवार को इंसाफ दिलाने की लड़ाई में कूद पड़ी है। पुलिस भी नरेंद्र कुमार बोधे और हॉस्टल के अन्य छात्र-छात्राओं से पूछताछ कर रही है। इस मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक ने भी संज्ञान लेने की बात कही है। जिससे अब बिलासपुर की बेटी साक्षी दुबे को इंसाफ मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
सोमवार शाम टीम मानवता से प्रिंस वर्मा, मनोज सोनी, शंकर अधिजा, सोमू श्रीवास्तव, मोहम्मद नफीस, दिलीप लालवानी, भव्या शुक्ला, हर्ष तिवारी, आदि ठाकुर मौजूद रहे।