प्रावधान के विरुद्ध दूसरे जिले से आकर देर रात टाटा कैपिटल के गुंडों ने की गाड़ी सीज.. इधर शिकायत करने पर थाने से प्रार्थी को नहीं मिली कोई मदद..
बिलासपुर के सिरगिट्टी थाना क्षेत्र निवासी मनीष विश्वकर्मा के घर में रायपुर से देर रात अचानक टाटा कैपिटल के गुंडे आ धमके और उन्होंने जबरदस्ती गाड़ी सीज कर ले गई जबकि प्रावधान के अनुसार किसी व्यक्ति द्वारा गाड़ी क्रय करने के लिए किया जाता है और लोन की किस्त पटाने में देरी हो जाती है तो नियमानुसार कंपनी द्वारा किस्त के एवज में गाड़ी जब्ती नहीं की जा सकती लेकिन इन दिनों छत्तीसगढ़ में लोन कंपनियों के गुंडे खुलेआम जप्ती का काम करते नजर आ रहे हैं..
पूरे प्रदेश में बहुत से ऐसे मामले सामने आए थे,जिस पर प्रदेश के डीजीपी ने कुछ समय पूर्व ही एक आदेश प्रदेश के सभी रेंज के आईजी व पुलिस अधीक्षक को जारी किया था।उसके बाद भी बिलासपुर सिरगिट्टी पुलिस थाने में पदस्थ थाना प्रभारी के द्वारा कोई भी सहयोग प्रार्थी को नही किया गया।उसने थानेदार से काफी मिन्नते भी की पर थाना प्रभारी ने साफ कहा कि मैं इस मामले में कुछ नही कर सकता। प्रार्थी ने फिर गाड़ी सीज करने वालो से भी निवेदन किया।पर आधी रात को कुछ गुंडे उसके घर आकर गाड़ी उठाकर ले गए।थानेदार जब प्रदेश के डीजीपी के आदेश की ही अवहेलना कर रहे तब इस प्रदेश की पुलिसिंग का क्या हाल होगा।इसको बहुत आसानी से समझा जा सकता है।
जबकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गाइड लाइन के अनुसार लोन कंपनी और वाहन खरीददार के बीच इकरारनामे के अनुसार ही कार्रवाई की जानी चाहिए.. लेकिन बिलासपुर के सिरगिट्टी निवासी मनीष विश्वकर्मा के साथ जबरदस्ती के दुर्व्यवहार के बाद जब उन्होंने इसकी सूचना सिरगिट्टी थाना के थाना प्रभारी को दी तो थाना प्रभारी द्वारा यह तुम्हारा मामला है कहकर टाल दिया गया..
इतना ही नहीं थाना प्रभारी को फोन लगाने के बाद थाना प्रभारी ने कहा कि.. यह पुलिस का मैटर नहीं है लोन का मैटर है और इसमें कुछ नहीं किया जा सकता.. दूसरे जिले से देर रात बिलासपुर पहुंच कर गाड़ी जप्त कर गुंडागर्दी करने वालों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होना आश्चर्यचकित लगता है जबकि अगर किसी कंपनी के कर्मचारी आते हैं तो इस तरह देर रात किसी के घर नहीं घुसते और ना ही बलपूर्वक किसी का सामान उठाकर ले जाते हैं.. इन सब के बीच एक सवाल और उठता है कि सुरक्षा के लिहाज से भी देर रात किसी के घर जाना कितना सही हो सकता है और इस चीज में पुलिस को भी हस्तक्षेप कर कम से कम जब्ती करने वालों को रोकना चाहिए था..