योग स्वस्थ जीवन व्यतीत करने की कला तथा विज्ञान है। योग करने का मकसद आत्मज्ञान की प्राप्ति तथा सभी प्रकार की शारीरिक परेशानियों को दूर करना है। योग मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमता को बढ़ाकर आत्मज्ञान की प्राप्ति करवाता है। योग करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। योग से हमें शांति तथा आनंद प्राप्त होता है।योग हमारे शरीर को स्वस्थ, लचीला तथा शक्तिशाली भी बनाए रखता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर छत्तीसगढ़ शासन के समाज कल्याण विभाग के द्वारा कई कार्यक्रमो का आयोजन किया गया।योग दिवस पर वर्चुअल योग मैराथन का आयोजन किया गया।जो अपने आपमे अद्भुत व अद्वितीय था।इस योग मैराथन में करीब दस लाख से ऊपर लोगो ने अपना पंजीयन कराया।जो अपने आपमे समाज कल्याण विभाग की उपलब्धि है।योग मैराथन में इसे वर्ल्ड रिकार्ड भी कह सकते है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए छत्तीसगढ़ शासन ने समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर आईएएस पी दयानंद को नोडल अफसर नियुक्त किया था।आज के इस दिन को यादगार बनाने के लिए आईएएस पी दयानंद की मेहनत रंग लाई।योग दिवस पर एक बेहतरीन आयोजन प्रदेश में किया गया।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर समाज कल्याण विभाग के द्वारा एक वीडियो क्लिपिंग भी जारी की गई है।जिसमे प्रदेश के राजनेताओं सहित अफसरों के द्वारा योग किया जा रहा है।इस वीडियो में यह सभी लोग जनता से योग करने की अपील कर रहे है।इस वीडियो में अलग अलग मुद्रा में योग करते हुए दिखाया गया है।कोरोना काल की वजह से सभी लोग अपने घरों में आज के दिन योग करते दिखे।
इस आयोजन को छत्तीसगढ़ सरकार के समाज कल्याण विभाग के द्वारा किया गया।जिसको लेकर हमने समाज कल्याण विभाग के संचालक आईएएस पी दयानंद से बात भी की,उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से हमने वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया,जिसमे बड़ी संख्या में लोगो ने अपनी सहभागिता दी है।एक अच्छा आयोजन हम लोगो ने मिलकर की है।इस आयोजन में सभी का अच्छा सहयोग मिला।
साथ ही आईएएस पी दयानंद ने कहा कि योग करना हम सभी के लिए अनिवार्य है।इसे हम सभी को अपने जीवन मे प्रतिदिन करने की आवश्यकता है।स्वस्थ मन व स्वस्थ शरीर के लिए योग करना नितांत जरूरी है।योग से हम कई बीमारियों को हरा सकते है।
मेरा यह भी मानना है कि आज हम सभी को योग करना ही चाहिए।वैदिक काल में योग को एकाग्रता हासिल करने और सांसारिक मुश्किलों को खत्म करने के लिए किया जाता था। महाभारत तथा भगवत-गीता में योग के बारे में कहा गया है कि “जिस व्यक्ति में दूसरों के प्रति विनम्रता, श्रद्धा, भावना होती है वह मनुष्य ही एक श्रेष्ठ अवस्था प्राप्त कर सकता है”और इस युग में योग को चार भागों में वर्णित किया- ज्ञान योग, भक्ति योग, कर्म योग और राज योग।
आधुनिक काल में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो की एक धर्म संसद में योग की विशेषताओं का उल्लेख किया और पूरे विश्व को योग से परिचित कराया। उनके बाद महर्षि महेश, योगी परमाहंसा, योगानंद रमन महर्षि जैसे कई योगियों ने अपना योगदान दिया।
आज विश्व योग दिवस के शुभ अवसर पर छत्तीसगढ़ में एक अच्छा आयोजन किया गया।आज लोगो को जागरूक करने की आवश्यकता है।प्रदेश के मंत्री, विधायक,आईएएस अफसरों के साथ ही कई संस्थाओं के लोगो ने आज योग दिवस के कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दिखाई।साथ ही एक संदेश भी दिया कि योग के बिना हम सभी का जीवन अधूरा है।