Home छत्तीसगढ़ कोरोना मरीज से राजधानी के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल ने वसूले 4 लाख...

कोरोना मरीज से राजधानी के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल ने वसूले 4 लाख 51 हजार, हाईकोर्ट ने जारी की नोटिस:

0

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने कोरोना मरीज से 4 लाख 51 हजार रुपए वसूले जाने के एक मामले रामकृष्ण केयर अस्पताल रायपुर, स्वास्थ्य विभाग और CMHO रायपुर को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है। अस्पताल में भर्ती मरीज की 11 दिन इलाज चलने के बाद मौत हो गई थी।

याचिका में कहा गया है कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्होंने अपनी मां को 22 सितंबर 2020 को रायपुर स्थित रामकृष्ण केयर अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां इलाज के दौरान 2 अक्टूबर 2020 को उनकी मां की मौत हो गई।


अंबिकापुर के रहने वाले संजय अंबस्ट ने अधिवक्ता शक्तिराज सिन्हा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया कि कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्होंने अपनी मां को 22 सितंबर 2020 को रायपुर स्थित रामकृष्ण केयर अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां इलाज के दौरान 2 अक्टूबर 2020 को उनकी मां की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल की ओर से चिकित्सा शुल्क के रूप में 4.51 लाख रुपए वसूल लिए।


याचिका में कहा गया है कि यह फीस वसूली केंद्र सरकार के निर्देश और राज्य सरकार के आदेश के विपरीत थे। केंद्र और राज्य सरकार की ओर इलाज की राशि प्राइवेट अस्पतालों के लिए निर्धारित की गई है। इसके बाद भी ज्यादा शुल्क की वसूली की गई। यह दंडनीय अपराध है। इसकी शिकायत उन्होंने शासन द्वारा अधिकृत नोडल अधिकारी से की थी। इस पर CMHO कार्यालय ने जांच शुरू कराई गई, जो पूरी नहीं हुई। इसके चलते याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग, भारत सरकार नोडल अधिकारी, रामकृष्ण केयर अस्पताल, कलेक्टर रायपुर, जांच अधिकारी CMHO कार्यालय को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है।


00 राज्य सरकार ने बांटा था तीन श्रेणियों में
राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटा था। A- श्रेणी में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले के अस्पतालों को रखा गया है। बी-श्रेणी में सरगुजा, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, कबीरधाम एवं बस्तर जिले के अस्पतालों को रखा गया है। शेष जिलों के अस्पताल सी-श्रेणी में शामिल हैं। ए श्रेणी के लिए नेशनल एक्रेडिएशन बोर्ड ऑफ हॉस्पीटल्स (NABH) की मान्यता प्राप्त अस्पतालों में मॉडरेट स्थिति वाले मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रुपए। इसमें सर्पोर्टिव केयर आइसोलेशन बेड के साथ आक्सीजन व PPE किट की सुविधा।

गंभीर स्थिति वाले मरीजों के उपचार के लिए रोजाना 12 हजार रुपए का शुल्क। इसमें वेंटिलेटर केयर के बिना ICU और PPE किट शामिल है। अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 17 हजार रुपए प्रतिदिन और इसमें वेंटिलेटर केयर के साथ ICU और PPE किट शामिल हैगैर NABH मान्यता वाले निजी अस्पतालों के लिए मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रुपए, दस हजार रुपए और 14 हजार रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है


बी-श्रेणी में शामिल जिलों के अस्पताल तीनों स्थिति (मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर) के मरीजों के इलाज के लिए ए-श्रेणी के लिए निर्धारित दर का 80 प्रतिशत और सी-श्रेणी वाले जिलों के अस्पताल का 60 प्रतिशत शुल्क ले सकेंगे।