भाजपा के 15 साल के शासन में छत्तीसगढ़ के ऊपर कुल कर्ज लगभग 20 हजार करोड़ था, जो आज कांग्रेस के मात्र ढाई साल के शासन में बढ़कर 60 हजार करोड़ के पार हो चुका है…
इस कर्ज का ब्याज ही भरने में छत्तीसगढ़ के विकास कार्यों की बली चढ़ जाएगी…ढाई साल में ही भूपेश-सरकार ने छत्तीसगढ़ को 10 साल पीछे धकेल दिया..!
लोकतंत्र में सरकारें आती जाती रहती हैं…आज भूपेश की सरकार है,कल नहीं रहेगी…इस आवा-जाही के बाद भी भूपेश का कुछ नहीं जाएगा…वो तो एक राजा के जैसे राजसी ठाठ काट के निकल जाएंगे…
रह जायेगा छत्तीसगढ़…कर्ज में डूबा हुआ छत्तीसगढ़..!!
“फ़क़ीरों की सोहबत में बैठा कीजिए साहेब,
बादशाही का अंदाज ख़ुद-ब-ख़ुद आ जायेगा।”