छत्तीसगढ़ भाजपा के वर्तमान नेताओ की ग्रहदशा शायद कुछ सही नही चल रही है।सत्ता गवाने के बाद प्रदेश भाजपा के बड़े नेताओं से कही न कही केंद्रीय नेतृत्व भी काफी समय से नाराज चल रहा है।कुछ समय पहले शिवप्रकाश , डी पुरंदेश्वरी व नवीन नितिन को केंद्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ में भेजकर पार्टी की स्तिथि को सही करने की जिम्मेदारी दी थी।तब से यहाँ इन सभी प्रभारियो ने प्रदेश भाजपा के नेताओ की क्लास लेनी शुरू की थी।पार्टी के इन नेताओं को यह अहसास तो हो ही गया था कि अब शायद इनके खेल से हटकर कुछ और होना लगभग तय है।
पार्टी के कार्यकर्ताओं की नाराजगी को भी दूर करना इन प्रदेश प्रभारियों के लिए अनिवार्य था।क्योंकि तीन मर्तबा सत्ता में आने वाली हमारी पार्टी पूर्व के विधानसभा चुनाव में इतनी बुरी तरह से हार क्यो व कैसे मिली।इन सभी बातों के साथ ही प्रदेश में काबिज कांग्रेस सरकार के जनविरोधी मामलों को भी हमारी पार्टी घेरने का मौका क्यो छोड़ रही है।क्या आज भी भाजपा के कार्यकर्ता नाराज चल रहे है।ऐसा बहुत से मामले है जिनको लेकर तीन दिनों तक रायपुर में शिवप्रकाश जी ने बैठक की।
सूत्रों के अनुसार ऐसी जानकारी मिली है कि वर्तमान कुछ पदाधिकारियों की कार्यशैली से शिवप्रकाश जी नाराज थे।जिनको सख्त बातो के साथ अच्छे से समझाया भी है।
खबरो की खबर तो यहाँ तक भी है कि विपक्ष के नेता सहित पार्टी संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर भी बदलाव हो सकता है।वैसे भी कही न कही केंद्र में बैठी मोदी सरकार भी प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार से भी नाराज चल रही है।केंद्र की मोदी सरकार भी बहुत जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार भी करने वाली है।इसमे भी शायद प्रदेश के कुछ बड़े नेता अपनी जुगत लगाने में लगे हुए है।वैसे भी अभी छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र की महिला सांसद को मंत्रिमंडल में लिया गया है।छत्तीसगढ़ से बहुत जल्द एक या दो लोगो को मोदी सरकार में में जगह मिल जाये।
प्रदेश में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन से केंद्रीय नेतृत्व पूरी तरह से नाराज तो दिख ही रहा है पर कही न कही पार्टी को मजबूत करने के लिए बड़ा उलटफेर अगले माह तक हो भी जाये।अब किसके भाग्य खुलते है यह कह पाना आज की स्थिति में कहा नही जा सकता है।
प्रदेश भाजपा की वर्चुअल बैठकों में भी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी कई बार नाराज भी दिखी।उनको प्रदेश भाजपा के कई नाराज कार्यकर्ताओं ने लिखित पत्राचार भी किया है।प्रदेश भाजपा के नेताओ की कार्यप्रणाली से वो नाराज ही दिखी।प्रदेश प्रभारी के द्वारा कार्यकर्ताओं से प्रत्यक्ष मिलने से इन मठाधीसो की सांसें बढ़नी भी शुरू हो गयी थी।उनके आने से कार्यकर्ताओं में एक विश्वास जागने भी लगा था कि पार्टी अब बड़े फैसले इस प्रदेश में लेंगी।
छत्तीसगढ़ में तीन दिनों तक राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश का प्रवास रहा।इन तीनो दिन संगठन प्रभारी ने बैठक की। रायपुर पहुँचने के बाद बहुत सी बातें जरूर सुनने में आई।पार्टी की बैठक में उनकी नाराजगी साफ दिखाई दी।टूलकिट मामले को भी लेकर उनके द्वारा साफ साफ पार्टी नेताओं से कहा गया कि मेरे साथ आप सभी लोग पार्टी के लिए कार्य करते है।टूलकिट के मुद्दे में व्यक्ति विशेष से हटकर पार्टी हितों पर अपना ध्यान केंद्रित करे।अपनी कार्यशैली सुधारे इससे पार्टी को फायदा होगा।कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा होना चाहिए।
इस बात को लेकर जब छत्तीसगढ़ उजाला ने प्रदेश के संगठन मंत्री पवन साय से बातचीत की तो उन्होंने इन सब बातों को नकार दिया।उनका कहना था कि माननीय शिवप्रकाश जी ने बैठक ली थी,उस बैठक में पार्टी के कार्यो की चर्चा हुई है।बाकी आप को किस माध्यम से यह खबर मिली यह आप ही जाने।
साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय से भी जब हमने बात की तो उनका कहना था कि ऐसी कोई भी बात नही हुई है।माननीय शिवप्रकाश जी तीन दिन रायपुर में रुके थे।पार्टी के सभी लोगो से उनकी बातचीत हुई।तीनो दिन अलग अलग रूप से बैठके उन्होंने की,वो पार्टी के कामो से काफी खुश थे।उनके नाराज होने की कोई भी बात नही थी।छत्तीसगढ़ के सभी पदाधिकारियों से उनका पूरा परिचय भी नही हुआ था।इन तीन दिनों में उनका सभी से परिचय भी हुआ।उन्होंने टूलकिट के मुद्दे पर पार्टी के कार्यकर्ताओं व नेताओ के द्वारा किये गए आंदोलन की सराहना भी की।