वैश्विक महामारी कॅरोना आज वर्तमान में जो विकराल रूप दिखा रही है उससे सभी लोग डरे-सहमे से है,चारो ओर भय का वातावरण बना हुआ है आज से एक वर्ष पूर्व हमने कॅरोना से परिचय किया,कोविड-19 के वायरस से रूबरू हुए और लंबे लॉक डाउन और अनेकोनेक परेशानियों का सामना करते हुए कॅरोना के निर्मित प्रतिकूल परिस्थितियों को अनुकूल परिस्थितियों में परिवर्तित किया और उससे अभी तक उबर भी नही पाए थे कि कॅरोना की दूसरी लहर ने पूरी ताकत से साथ अटैक कर दिया।ऐसी परिस्थिति में जरूरत थी सभी के साथ खड़े होने की।शासकीय अमले के साथ सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाएं और समाजसेवी लोगो की सख्त आवश्यकता थी ताकि इस विषम परिस्थितियों का न केवल सामना किया जाए बल्कि इसमें विजय भी हासिल की जाए।
कॅरोना से ज्यादा खतरनाक कॅरोना की दहशत थी और शायद अभी भी है कोरोनो पाजेटिव मरीज खुद को बहुत अकेला महसूस कर रहे थे इसलिए जरूरी था कि होम आइसोलेशन एवं कोविड केयर सेंटर में रह रहे मरीजो से उनके परिजन के अलावा और भी कोई बात करे,उनका उत्साह बढ़ाये,उनमें ऊर्जा का संचार करे,उनका मनोरंजन करे।
इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा शुरुवात की गई “उत्साह ऊर्जा सेवा संवाद” कार्यक्रम की।और इसकी जिम्मेदारी 2001 से सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था पहल को दी गई।वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से पहल के सदस्यों को कलेक्टर श्रीमति नम्रता गांधी द्वारा दिशा-निर्देश दिया गया कि इस पूरे अभियान को कैसे आगे बढ़ाना है किन विषयों पर बात करना है।उत्साह कैसे बढ़ाना है।योगा में कौन से योग कराने है।ऐसे अनेक विषयों एक ट्रेनिग सेशन हुआ और कार्य प्रारंभ हुआ।
कलेक्टर नम्रता गांधी की इस पहल का जिले के अलावा पूरे प्रदेश में भी चर्चा हो रही है।कोरोना को हर हाल में हराने की बात करने वाली जिले की इस कलेक्टर दिन रात अपनी ओर से प्रयास कर रही है।इस महिला अफसर की मेहनत से आज जीपीएम जिले पूरी तरह से कंट्रोल है।लोगो के अंदर से डर को भगाना है।इस बात पर इनका काफी जोर रहता है।