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सरकार के तुगलकी फरमान का पुलिसकर्मी कर रहे विरोध : मुख्यमंत्री राहत कोष में पुलिसकर्मियों ने वेतन न काटने के लिए दिया आवेदन:

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सरकार के तुगलकी फरमान का पुलिसकर्मी कर रहे विरोध :मुख्यमंत्री राहत कोष में पुलिसकर्मियों ने वेतन न काटने के लिए दिया आवेदन:

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना का मामला बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना के बढ़ते मामलों से आम से खास सभी को हैरान कर दिया है.अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मामला और ज्यादा खतरनाक हो गए है। बावजूद इसके सरकार के आदेश पर लोगो को घर मे रहने के लिए पुलिसकर्मी दिनरात अपनी ड्यूटी कर रहे है। शहर से जंगल हर जगह पुलिसकर्मी अपनी सेवा देकर जनता को बचाने के काम मे लगे हुए है।अस्पतालों में मरीजों को सुविधाएं व भीड़ को रोकने के साथ बहुत से कार्य हमारे जवान कर रहे है।

इसी बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों के वेतन से एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने के लिए आदेश जारी किया है, जिसे बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों व शासकीय कर्मचारियों ने देने से साफ इनकार कर दिया है

दरअसल, बलरामपुर,राजनांदगांव सहित कोरबा जिले के अलग-अलग थाने क्षेत्र में पुलिसकर्मियों ने भारी मात्रा में मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन देने से इनकार किया है. सूची में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के नाम शामिल हैं. ये सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. जिसमें सीधे लिखा है कि हम मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक दिन की सैलरी नहीं देंगे.

राहत कोष में पैसे से देने से असहमत..

एक पत्र में पुलिसकर्मियों ने कोरबा पुलिस अधीक्षक को मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 दिवस का वेतन नहीं काटने के संबंध में आवेदन लिखा है, जिसमें साफ तौर से कहा कि वेतन नहीं काटा जाए. 1 दिवस का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने से हम असहमति जता रहे हैं. 

कर्मचारी हो रहे है परेशान….

इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ उजाला ने कुछ पुलिस के जवानों से बातचीत की।उनका साफ कहना था कि हमसे पूछे बिना हमारे वेतन से कैसे पैसा काटा जा सकता है।इस मामले में प्रदेश सरकार के इस फैसले का प्रदेश के कर्मचारी संगठन भी विरोध कर रहे है।महंगाई के इस समय काल मे कोई भी कर्मचारी सरकार के इस मनमाने फैसले के साथ नही है।

जवानों के साथ अफसरों के पत्र भी बहुत कुछ कह रहे है…

अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि भारी तादाद में पुलिसकर्मियों और अफसरों ने एक दिन का वेतन देने से साफ इनकार किया है, तो क्या अब उच्च अधिकारियों के द्वारा उन पर दबाव बनाया जा रहा है। या फिर सच में पुलिसकर्मी राहत कोष में सहायता करने के लिए मान गए.कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, लेकिन सरकार के मनमाने फरमान के विरोध में बहुत से पत्र भी चर्चा में बने हुए है।उन पत्रों को लेकर बहुत सी बातें भी हो रही है।

कोरोना के विकट काल मे सरकार को ऐसा फरमान जारी नही करना चाहिए।पुलिस जवानों का सरकार के इस फैसले का विरोध करना अपने आप मे कई सवाल पैदा करते है?