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“कांग्रेस सरकार निकम्मी, पर क्या विपक्ष में बैठी भाजपा भी निकम्मी नही ?”:देवेंद्र गुप्ता

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“कांग्रेस सरकार निकम्मी, पर क्या विपक्ष में बैठी भाजपा भी निकम्मी नही ?”

चलों हम भी मान लेते है कि कांग्रेस सरकार तो निकम्मी ही है। पर क्या राज्य में विपक्ष में बैठी भाजपा निकम्मी नही है?


क्या जनता की सेवा के लिए छत्तीसगढ़ भाजपा का सत्ता में ही बने रहना जरूरी है? बिना सत्ता के क्या जनता की सेवा नही की जा सकती? यह सवाल मेरे ही मन मे नही बल्कि सभी छत्तीसगढ़ वासियों के मन मे है। जिसका जवाब पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह जी,प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय जी,नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक जी,रमन सरकार के सभी मंत्रियों को देना चाहिए।

भूपेश बघेल जी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार क्या कर रही है,क्या नही कर रही है यह जनता जान, समझ और भोग रही है।इसीलिए वह भाजपा नेताओं से मदद की उम्मीद लगाए बैठी है।उन्हें लगता है इस बुरे दौर में भाजपा उनकी पीड़ा को दूर करने कोई सार्थक पहल करेगी। परंतु हो कुछ और रहा है। कोरोना के जंग में एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका अदा करने में असफल भाजपा आज पहले से बदनामी का कलंक ढो रही कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना- प्रदर्शन करने जा रही है। यह आयोजन भाजपाई अपने-अपने घर के समक्ष करते हुए जनता के घाव पर नमक का छिड़काव करेंगे।


आपको पता है कि 15 साल तक भाजपा ने यहा राज किया। मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, बहुत से से नेता मालामाल हुए। उनकी व परिवार की तिजोरियां भरती रही। उन्होंने अपने व्यापार-व्यवसाय सब जमा लिए। हालांकि लाखों कार्यकर्ता भाजपा की राष्ट्रभक्ति और जनसेवा को ही राजनीति समझने की भूल कर बैठे । जो आज भी दरी उठाने और झंडा लगाने के काम मे जी जान से लगे हुए है। जनता तो दूर की बात है ऐसे कार्यकर्ताओं की भी चिंता भाजपाई दिग्गज नही कर पा रहे है।


भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह जी,प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय जी,नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक जी सिंर्फ बयानवीर बने हुए है। अखबारों में बयान के साथ अपनी फोटो छपवाकर और समाचार चैनलों में बयान देकर ऐसा महसूस करते है जैसा कोई बड़ा तोप सा काम कर दिया है। पर इन्होंने एक दिन कोविड अस्पताल जाकर कोरोना पीड़ितों का हाल नही पूछा है, जो ज्यादा जरूरी है। अगर पूछा होता तो इनके ट्विटर-फेसबूक में इसके प्रमाण मिल जाते। क्योंकि हर छोटी -बड़ी बात का प्रचार ये बखूबी करते है। भाजपा सरकार में बड़े-बड़े विभागों को सम्हालने वाले कई मंत्री अपने घरों में दुबके बैठे है।

जबकि जनता को उनसे अपेक्षा है कि इस बुरे दौर में वे उनके साथ खड़े रहे।भाजपा के जिम्मेदार नेताओं से मैं यह पूछना चाहता हूं कि अगर जनता ने आपको सत्ता से बेदखल कर दिया है तो क्या आपकी उनके प्रति कोई जवाबदेही नही बनती है क्या? आधी जनता ने आपके भी विधायक प्रत्याशियों को वोट दिया है। वे भी छाया विधायक कहलाते। क्या उनकी जिम्मेदारी नही है जनता के हितों के लिए कदम आगे बढ़ाना, महामारी के दौर में उन्हें मदद करना? दोबारा भी तो जाना है क्या जनता के दरवाजे वोट मांगने?


एक नागरिक होने के नाते राज्य के विपक्षी दल भाजपा के दिग्गजों से मेरा यही आग्रह है कि राज्य के अस्पतालों, कोरोना मरीजों,ऑक्सीजन सप्लाई, वैक्सिनेशन आदि पर अपना ध्यान केंद्रित करें क्योंकि यहा कोरोना बेलगाम है। दाऊ-बाबा की गलतियों की वजह से सरकार के बस से बाहर है। ऐसे में मुझे लगता है कि सरकार को कोसने के बजाए सीधे जनता को सहयोग करने आगे आये। क्योंकि सवाल जनता के हितों का है,उनके जीवन-मरन का है।

अपने पदाधिकारियों,पूर्व विधायकों,सांसदों,मंत्रियों को कोरोना पीड़ितों,उनके परिवारों की सेवा के काम पर लगाये ताकि जनता में एक अच्छा संदेश जा सके।


(देवेंद्र गुप्ता की कलम से)