रायपुर : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग ने एमबीबीएस उत्तीर्ण 296 नए डाक्टरों की पदस्थापना की है। इन नए डाक्टरों को प्रदेश के विभिन्न शासकीय मेडिकल कालेज अस्पतालों, जिला चिकित्सालयों, मातृ व शिशु अस्पतालों, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ किया गया है।
प्रदेशभर में बड़ी संख्या में इन डाक्टरों की नियुक्ति से वर्तमान कोविड-19 संकट के दौरान संक्रमितों के इलाज और प्रबंधन में मदद मिलेगी। नवपदस्थ सभी डाक्टरों को दस दिनों के भीतर अपने-अपने पदस्थापना वाले अस्पतालों में कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ चिकित्सा और दंत चिकित्सा स्नातक प्रवेश नियम के तहत डाक्टरों को एमबीबीएस प्रवेश के समय अनुबंध करना पड़ता है। इसके अनुसार संविदा आधार पर दो वर्ष की शासकीय सेवा करना अनिवार्य है।
दो वर्ष की सेवा नहीं देने वालों के लिए कड़े प्रविधान
अफसरों के अनुसार बंध-पत्र के उल्लंघन पर बंध-पत्र की राशि की वसूली, विश्वविद्यालय से अंतिम डिग्री प्रदान नहीं किए जाने और राज्य मेडिकल काउंसिल में पंजीयन नहीं किए जाने के साथ ही पाठ्यक्रम अवधि के दौरान भुगतान की गई संपूर्ण छात्रवृत्ति की राशि की वसूली भू-राजस्व के बकाया के रूप में किए जाने का प्रविधान है।
पदभार ग्रहण नहीं करने वाले 54 डाक्टरों को नोटिस
स्वास्थ्य विभाग ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूर्ण कर चुके डाक्टरों से शासकीय/ग्रामीण सेवा के अनुबंध के अनुसार पदस्थापना के बाद पदस्थापना स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने वाले 54 डाक्टरों को अल्टीमेटम जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने 28 मई 2020 और पांच फरवरी 2021 को दो अलग-अलग आदेश जारी कर एमबीबीएस पाठ्यक्रम उत्तीर्ण डाक्टरों को शासकीय/ग्रामीण सेवा के अनुबंध के निष्पादन के लिए दो वर्ष की संविदा सेवा पर पदस्थ किया गया था। सरकार ने इन्हें पांच दिन के अंदर पदभार ग्रहण करने को कहा है।