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रायपुर के राजधानी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में भीषण आग की आगोश में 5 की मौत, 40 से अधिक लोगों की हालत गंभीर

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छत्तीसगढ़ उजाला : कोविड मरीजों के लिए एक और आफत सामने आ गई है। राजधानी रायपुर के पचपेढ़ी नाका स्थित राजधानी अस्पताल के आइसीयू वार्ड में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी है, जिसमें 5 मरीजों की मौत होने की पुष्टि हो गई है। बताया जा रहा है कि एक मरीज की जलने की वजह से और तीन की दम घुटने की वजह से मौत हो गई है। मौके पर देर शाम कलेक्टर भारतीदासन और एसएसपी अजय यादव पहुंच गए हैं।

वहीं 40 से अधिक मरीज इस हादसे की वजह से प्रभावित हो गए हैं। आग इतनी भीषण थी कि अफरा-तफरी में मरीजों को स्ट्रेचर में डालकर अस्पताल के बाहर लाया गया। आग लगने के बाद दमकल और पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर अस्पताल में लगी आग को बुझा लिया गया है।

आग लगते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में बाकी मरीजों को अस्पताल से बाहर निकाल लिया गया। उन्हें पास के दूसरे अस्पतालों में भेजा जा रहा है। कुछ मरीज अपने बेड से उतरकर बाहर निकल आए हैं। आगजनी की घटना के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल अस्पताल के बाहर मौजूद है। राजधानी अस्पताल को कोविड केयर हॉस्पिटल भी बनाया गया है।

वहां आईसीयू में लगे पंखे में अचानक शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते आग ने भीषण रूप ले लिया, जिसके बाद आईसीयू सेंटर में भर्ती कोविड संक्रमित मरीजों को अफरा-तफरी में अस्पताल से बाहर निकाला गया। मरीजों को दूसरे अस्पताल में भेजने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था भी नहीं है।

मरीजों के स्वजन अपने वाहनों से उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाने की कोशिश कर रहे थे। हॉस्पिटल में धुआं ही धुआं है लेकिन जिम्मेदार यहां से गायब हैं परिजन यहां रोज रो बिलख रहे हैं। यहां स्वास्थ्य विभाग का तक कोई भी बड़ा अधिकारी नहीं पहुंचा है केवल पुलिस बल मौजूद है। ईस्वर रॉव नाम का मरीज आईसीयू में फंसा हुआ है उसके परिजन बाहर रो बिलख रहे हैं उनको निकालने के लिए कोई भी नहीं है।

बताते चलें कि राजधानी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के आईसीयू में आग लगने की खबर मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं और बाकी मरीजों को अस्पताल से सुरक्षित निकाल लिया गया है। यह हादसा ऐसे समय में हुआ है, जब रायपुर में लॉकडाउन है।

कोरोना की दूसरी लहर के बेहद घातक नतीजे सामने आ रहे हैं। किसी भी अस्पताल में एक भी बेड खाली नहीं है। संक्रमित गंभीर मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है और इस बार कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या भी पहले से ज्यादा है।