दिल्ली दरबार ने छत्तीसगढ़ की राजनीति ने नया घमासान मचा दिया है।भाजपा और कांग्रेस के नेता छत्तीसगढ़ को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे थे।दोनो राजनैतिक दल प्रदेश में बदलाव करने का फैसला कर ही दिए।भाजपा में संगठन के साथ ही नेता प्रतिपक्ष के पद में भी बदलाव कर दिया गया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के लिए अजय चंद्राकर का नाम तय कर दिया गया है,साथ ही वर्तमान नेेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक की छुट्टी भी कर दी गयी है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व डॉ रमन सिंह को केन्द्र में केबिनेट मंत्री और नंदकुमार साय को राज्यपाल की नई जिम्मेदारी देने के मूड में है।विष्णु देव साय को किसी और राज्य का प्रभारी बनाया जाना तय है।वही धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल,गौरीशंकर अग्रवाल,राजेश मूणत सहित प्रदेश के कई नेताओं को दक्षिण भारत के राज्यों का प्रभारी बनाने के इरादे में है।प्रदेश के इन नेताओं के राजनैतिक ज्ञान का फायदा पार्टी को जरूर मिलेगा।रमन सिह की जगह उनके पुत्र को आगामी विधानसभा में पार्टी उतार सकती है।
भाजपा प्रदेश के कद्दावर नेता रायपुर विधायक बृजमोहन अग्रवाल को नेता प्रतिपक्ष बनाकर कांग्रेस सरकार पर नकेल कसने की तैयारी में है।छत्तीसगढ़ की राजनीति में ऐसा बवाल भी मचेगा इसका अंदेशा किसी को भी नही था।
सूत्रों के अनुसार आगामी विधानसभा में 90 विधानसभा में भाजपा नए चेहरों पर चुनाव लड़ेगी,इससे यह तो तय है कि भाजपा अगली सरकार बनाने की फूल तैयारी में है।वर्तमान कुछ सांसदों को विधानसभा में लड़ाया जा सकता है।
एक तरफ भाजपा में बड़ा बदलाव हुआ है वही कांग्रेस में भी उथलपुथल मची हुई है।टी एस सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाना तय हो गया है एक दो दिन में इसकी घोषणा होनी तय है।कुछ समय से कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व छत्तीसगढ़ से आ रही खबरों को लेकर भी नाराज दिख रहा था,भूपेश बघेल के भरोसे आगामी चुनाव में प्रदेश की सत्ता मिल पाएगी इसको लेकर भी संशय में है।राहुल गांधी ने भी टी एस सिंहदेव के नाम पर मुहर लगा दी है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली दरबार मे राजा साहब की टीम अच्छी तगड़ी है।पंजाब कांग्रेस के अलावा दस जनपथ में अच्छी दखल रखने वाले नेताओं से राजा साहब की अच्छी नजदीकियां है।इन सब कारणों से प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के लिए टी एस बाबा का नाम लगभग तय हो चुका है। छत्तीसगढ़ में इस उठापटक को लेकर लोगो की बहुत सी बातें भी सामने आ रही है।कुछ लोगो का कहना है कि मुख्यमंत्री की प्रदेश के नौकरशाहो पर कमजोर पकड़ भी मुख्य वजह है।कुछ लोगो तक ही इस प्रदेश के सत्ता की चाभी है वो लोग अपने हिसाब से सरकार और प्रदेश में कारोबार कर रहे है।इस बड़े बदलाव से दोनो राष्ट्रीय दलों में किसको आगामी चुनाव में फायदा होगा यह तो आने वाले समय मे ही पता चलेगा…..
*होली की इस विशेष खबर के साथ आपको होली की हार्दिक बधाईया, बुरा न मानो होली है*…..
छत्तीसगढ़ उजाला परिवार की ओर से आप सभी को रंगोत्सव के महापर्व होली की असीम बधाईया
कोरोना से बचना है तो सरकार के बनाये निर्देशो का करे पालन,मास्क लगाना न भूले,