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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री का देशवासियों को नए साल का तोहफा, सुशासन दिवस और क्रिसमस पर की बड़ी घोषणा…

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार देर शाम राष्ट्र के नाम सन्देश दिया,जिसमे उन्होंने देश को आने वाले नए साल में एक बड़ा तोहफा दिया है। ओमीक्रॉन की बढ़ती चुनौतियों के बीच नई दिल्ली में राष्ट्र को सम्बंधित करते हुए देश को करना महामारी से बचाने के लिए बच्चों के लिए टीके की मंज़ूरी की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को सतर्क और सुरक्षित रहने की अपील की है। 15-18 वर्ष के किशोरों के लिए 3 जनवरी 2022 से टीकाकरण अभियान की शुरुवात की घोषणा की है। साथ ही अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 60 साल के अधिक के बुजुर्गों, हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स को सतर्कता दोसे की शुरुवात की भी घोषणा की,जिसकी शुरुवात 10 जनवरी से की जाएगी।

देश में 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक की उम्र वाले करीब 8 करोड़ बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। बुजुर्गों और हैल्थवर्कर्स को लगाने वाले टीके को प्रधानमंत्री ने ‘Precaution Dose’ का नाम दिया है ,जिसमे कोरोना से जल्दी संक्रमित होने वालों को लगाई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 13 मिनट 46 सेकेंड के संबोधन में इस बात की घोषणा की। पीएम ने कहा कि 60 से ऊपर उम्र वाले गंभीर बीमारी से पीड़ित वाले नागरिकों को भी उनके डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की ‘Precaution Dose’ का विकल्प दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने देर शाम 9 बजकर 46 मिनट पर अपना संबोधन शुरू किया और करीब 10 बजे खत्म किया।

साथ ही PM मोदी ने ये भी कहा कि जल्द ही देश में नेजल वैक्सीन और दुनिया की पहली DNA वैक्सीन लगाना भी शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि पीएम मोदी ने एक बार फिर देशवासियों से कोरोना महामारी से बचाव के सभी उपायों का पालन करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि महामारी को हराने के लिए मास्क पहनने जैसे उपायों को अपनाए रखना जरूरी है।

न्यू ईयर के उत्साह के दौरान कोरोना नियमों के पालन करने की की अपील

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सबसे पहले क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं। इसके बाद उन्होंने नए साल का स्वागत करने के उत्साह में महामारी की अनदेखी से बचने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, हम साल के अंतिम सप्ताह में हैं। 2022 आने ही वाला है। आप सभी 2022 के स्वागत की तैयारी में जुटे हैं। लेकिन उत्साह और उमंग के साथ ही ये समय सचेत रहने का भी है। आज दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से संक्रमण बढ़ रहा है। भारत में भी कई लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं। अपील है कि पैनिक न करें, लेकिन सावधान रहें। मास्क का उपयोग करें। साथ ही हाथों को थोड़ी-थोड़ी देर बाद धुलना हमें भूलना नहीं है।

इसके बाद बताई देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता

प्रधानमन्त्री ने इसके बाद देशवासियों को कोरोना की किसी भी लहर से निपटने के लिए तैयारियों के प्रति आश्वस्त किया, उन्होंने कहा, देश में इस समय 18 लाख आइसोलेशन बेड और 5 लाख ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड तैयार हैं। इसके अलावा 1 लाख 40 हजार आईसीयू बेड हैं। 90 हजार बेड बच्चों के लिए भी हैं। 3000 ऑक्सीजन प्लांट भी काम कर रहे हैं। राज्यों को दवाओं का बफर स्टॉक तैयार करने में मदद दी जा रही है। उन्होंने कहा, कोरोना महामारी से लड़ाई का अब तक का अनुभव यही बताता है कि वैक्सीनेशन से बचाव हो रहा है। हमारे यहां भी इसे लेकर व्यापक पैमाने पर काम करना शुरू कर दिया गया था। इन तैयारियों का ही नतीजा था कि हमने जल्द ही वैक्सीनेशन शुरू कर दिया था।

अब तक 141 करोड़ वैक्सीन डोज के बेहद मुश्किल और अभूतपूर्व टारगेट को पूरा कर चुका है। 61% व्यस्क को दोनों डोज लग चुकी है। 90% व्यस्कों को पहली डोज लग चुकी है। हमने दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कैंपेन सफलता से चलाया है। आज देश के सुदुर गांवों में शतप्रतिशत वैक्सीनेशन की खबरें आती हैं तो गर्व की अनुभूति होती है। कई राज्य और विशेष तौर से टूरिज्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य जैसे गोवा, उत्तराखंड, हिमाचल जैसे राज्यों ने शत-प्रतिशत सिंगल डोज वैक्‍सीनेशन का लक्ष्य हासिल कर लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के दूर-सुदूर गांवों से जब शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन की खबरें आती हैं तो मन को संतोष होता है।

देश के वैज्ञानिकों की प्रधानमंत्री ने जमकर सराहना की

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारे देश में जल्दी ही नेजल वैक्सीन और दुनिया की पहली DNA वैक्सीन भी शुरू होगी। हमारे वैज्ञानिकों ने बेहद मेहनत से काम किया है। भारत ने अपनी स्थिति के मुताबिक भारतीय वैज्ञानिकों की सलाह से ही फैसले लिए हैं और इसके परिणाम भी मिले हैं। विश्व में कोरोना को लेकर अनुमान अलग-अलग हैं। लेकिन कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई शुरू से ही वैज्ञानिक सिद्धांतों, वैज्ञानिक पद्धतियों पर आधारित रही है और इसके लाभ भी महसूस किए जा रहे हैं। पिछले 11 महीने में देश ने इसके लाभ महसूस किए हैं। दुनिया के कई देशों के मुकाबले हमारे यहां आर्थिक गतिविधियां चल रही हैं। लेकिन हमें भूलना नहीं चाहिए कि कोरोना अभी गया नहीं है।