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भाजपा पार्षद दल ने महापौर के बजट पेश करने के दौरान सदन का बहिष्कार, 819 करोड़ का बजट पास

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छत्तीसगढ़ उजाला (प्रतीक सोनी)

बिलासपुर। नगर निगम की सामान्य सभा में आखिरकार पुराना बस स्टैंड के पास निगम की खाली जमीन में कांग्रेस भवन बनने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि जैसे ही इस प्रस्ताव को सदन में रखा गया। विपक्षी भाजपा पार्षद दल ने इसका जमकर विरोध किया। वे हंगामा करने लगे और सदन में ही धरने पर बैठ गए। लेकिन, इस विरोध का असर नहीं दिखा। अंत में उसी जमीन पर कांग्रेस भवन निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गया। वहीं महापौर रामशरण यादव ने 819 करोड़ 41 लाख का बजट पेश किया जिसे पास किया गया। लेकिन, बजट पेश करने के दौरान भाजपा के पार्षद सदन का बहिष्कार कर बाहर निकल आए।
एक साल बाद हुई नगर निगम की सामान्य सभा में कुल 92 प्रस्ताव रखे गए थे। इसमें प्रस्ताव एक से लेकर 74 तक को जनकल्याणकारी बताते हुए एक साथ पारित कर दिया गया। इसके बाद बचे 18 प्रस्ताव को सदन के सामने रखते हुए पारित करने की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान 76 नंबर के प्रस्ताव पर सत्ताधारी कांग्रेस पार्षद दल के साथ भाजपा पार्षद भी संतुष्ट नजर आए। इस प्रस्ताव में पार्षदों का मानदेय 7500 से बढ़ाने की बात कही गई थी और पार्षद निधि चार-चार लाख रुपये को बेहद कम बताया गया।

इसमें दोनों पक्षों के पार्षदों का मत रहा कि मानदेय बढ़ाकर कम से कम 15 से 25 हजार रुपये तक किया जाए। साथ ही पार्षद निधि की राशि भी बढ़ाई जाए। ऐसे में सभापति शेख नजीरुद्दीन ने इस प्रस्ताव को पास नहीं किया। उन्होंने इसके लिए एक तीन सदस्यीय टीम बनाने का निर्देश दिया, जो पार्षदों के मानदेय व पार्षद निधि कितना बढ़ाया जाना चाहिए, इसका विश्लेषण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कही। इस रिपोर्ट के आधार पर आने वाली सामान्य सभा में प्रस्ताव पास करने का निर्णय लिया। इसके बाद थोड़े बहुत विवाद के बाद अन्य प्रस्तावों को पारित किया जाता रहा।

लेकिन जैसे प्रस्ताव नंबर 89 सदन में आया वैसे ही भाजपा के पार्षद हंगामा करने लगे। उनका इस प्रस्ताव को लेकर भारी विरोध रहा। नेता प्रतिपक्ष अशोक विधानी ने कहा कि नगर निगम की कीमती जमीन पर कांग्रेस भवन बनाने का प्रस्ताव बिल्कुल गलत है। इसका व्यावसायिक व अन्य उपयोग करते हुए निगम हर साल लाखों का राजस्व प्राप्त कर सकता है। लेकिन सत्ताधारी दल ऐसा नहीं चाहता है और वहां पर कांग्रेस भवन बनाना चाहता है। इसको पूरजोर विरोध है। इसके बाद भाजपा पार्षद हंगामा करते हुए सदन में ही धरने पर बैठ गए। करीब 20 मिनट तक जमकर हंगामा हुआ।

इस दौरान सभापति शेख नजीरुद्दीन और महापौर रामशरण यादव सदन से बाहर चले गए। करीब 15 मिनट बाद वापस आकर सभापति शेख नजीरुद्दीन ने फिर से सदन की प्रक्रिया शुरू करते हुए कांग्रेस भवन के लिए बस स्टैंड की जमीन का प्रस्ताव पारित करते हुए शेष प्रस्ताव को भी पास किया। लेकिन, जैसे ही महापौर रामशरण यादव ने बजट प्रस्तुत किया। वैसे ही भाजपा पार्षद दल ने सदन का बहिष्कार करते हुए सदन से बाहर निकल गए और बजट को बोगस बताया। इस तरह एक साल बाद आयोजित हुई सामान्य सभा अपनी परंपरा के मुताबिक हंगामे के साथ खत्म हुई।