छत्तीसगढ़ उजाला (प्रतीक सोनी)
बिलासपुर। रेलवे स्टेशन से पहले तारबाहर-सिरगिट्टी रेलवे फाटक के पास सोमवार दोपहर बड़ा हादसा होने से टल गया। एक ट्रेन का इंजन बिना ड्राइवर स्टार्ट होकर बिलासपुर स्टेशन की ओर लोको शेड से सिरगिट्टी की ओर निकल गया। कुछ दूरी तक पटरी पर दौड़ने के बाद इंजन खंभों और सिग्नल को तोड़ता हुआ सड़क पर उतर गया। इंजन करीब 100 मीटर तक सड़क पर घिसटता रहा। जिस जगह हादसा हुआ,आपको बतादे वह शहर का व्यस्ततम इलाका है।बड़ी बात ये रही कि इंजन की चपेट में कोई नहीं आया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जब उन्होंने इंजन को पास से देखा तो उसमें कोई ड्राइवर नहीं था। अधिकारियों की पूछताछ में लोको शेड के किसी सफाई कर्मचारी से इंजन स्टार्ट होने और उसके चालू होने की बात सामने आई है।
दस साल पहले इसी स्थान पर ट्रेन से कट गए थे 12 लोग-
सिरगिट्टी-तारबाहर फाटक जहां यह हादसा हुआ है। वहीं अक्टूबर 2011 में धनतेरस की शाम एक भयानक हादसा हुआ था। तब यहां अंडरब्रिज नहीं बना था और लोग रेल की पटरियां पारकर ही आना-जाना करते थे। धनतेरस के दिन इन पटरियों को पार कर लोग सिरगिट्टी जा रहे थे, कि शाम 7 बजे के करीब तेज रफ्तार रायपुर लोकल ने करीब 30 लोगों को रौंद दिया था। इसके बाद यहां अंडरब्रिज बनाया गया। इस दुर्घटना में 12 लोगों की मौत हुई थी और बाकी घायल हुए थे।
रेलवे सीपीआरओ साकेत रंजन का कहना है-
तारबहार रेलवे लोकोशेड में एक इंजन डिरेल हुआ है। मामले में जांच जारी है। फिलहाल घटना के संबंध में कोई ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ सकी है। घटना बेहद गंभीर है और इसकी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए जा रहे हैं।