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एनटीपीसी अफसरों के साथ बैठक में मजदूरों की समस्याओं का नही हो पाया समाधान,जिला प्रशासन के अफसरों के व्यवहार से मजदूर हुए नाराज:

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बिलासपुर— एनटीपीसी सीपत के एमजीआर विभाग में कार्यरत तारपोलीन ग्रुप के दैनिक वेतन भोगी मजदूरो ने अपनी मजदूरी बढाने की मांगों को लेकर जिला प्रशासन को पत्र लिखा था।  मामले को लेकर उप- तहसील कार्यालय में हुई त्रिस्तरीय बैठक एनटीपीसी अधिकारियों के अड़ियल रवैय्ये की वजह से बेनतीजा रही। इसके बाद मजदुरो ने जमकर हंगामा किया।  कार्यालय परिसर में ही मजदूरों ने नारेबाजी  शुरू कर दिया। हंगामा करीब तीन घण्टो तक चला।                

एनटीपीसी के अफसरों की मनमर्जी से मजदूर प्रताड़ित हो रहे है।वही दूसरी ओर भरी बरसात में मजदूरों को अपनी जायज मांग के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।मजदूरों के हितों पर बोलने वाले जनप्रतिनिधि नजर नही आ रहे है।क्षेत्र के सांसद व विधायक भी लापता हो चुके है।मजदूरों का एनटीपीसी के द्वारा शोषण किया जा रहा है।

एनटीपीसी प्रबंधन ने इसी वर्ष 2 मार्च से एक एकड़ से कम जमीन वाले 107  भुविस्थापितो को एमजीआर विभाग में काम दिया। सभी विस्थापितों को ट्रेक हॉफर में तारपोलिन खोलने के लिए दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्य दिया गया। भुविस्थापित मजदुरो को एनटीपीसी ने महीने में  23 दिन रोजी देने का वादा करके काम मे रखा।  तीन माह तक पूरे 23 दिन की हाजरी उन्हें मिलती रही। लेकिन प्रबंधन ने इसी माह यानि 1 जुलाई से 57 नये लोगो की भर्ती किया।

अब सभी मजदुरो को 23 दिन के बजाय मात्र 15 दिन का रोजी दिया जाने लगा। एनटीपीसी प्रबंधन की दोहरी नीति से नाराज मजदुरो ने मजदूरी के दिन पूरे 23 दिन करने की मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। मांगे पूरी नही होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। इस क्रम में सोमवार को सीपत उप तहसील कार्यालय में प्रशासन,एनटीपीसी एवं भुविस्थापित दैनिक वेतन भोगी मजदुरो के बीच बैठक हुई।  एनटीपीसी के अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में 18  दीन से ज्यादा मजदूरी नही दे सकते है।  एक वर्ष बाद ही  कुछ कर पाएंगे। इसके बाद सभी दैनिक वेतन भोगी मजदूर नाराज होकर बाहर निकल गए।

        ज़िला प्रशासन,एनटीपीसी और दैनिक वेतन भोगी मजदुरो के बीच इस मामले को लेकर तय तिथि में सोमवार को दोपहर 1 बजे उप तहसील कार्यालय में बैठक होनी थी।  सभी मजदूर समय पर पहुच  गए थे। लेकिन अधिकारी लेट आये तीन बजे किसी तरह बैठक प्रारम्भ हुई। एनटीपीसी की ओर से डीजीएम एचआर विवेक चन्द्र,उप महाप्रबंधक अरुण कुमार बोखड़,एमजीआर के एके राय,वही प्रशासन की ओर से पुलिस विभाग के डीएसपी प्रवीण राय,नायब तहसीलदार नीलिमा अग्रवाल,टीआई राजकुमार सोरी थे सभी अधिकारी अतिरिक्त तहसीलदार के कक्ष में सोफे पर बैठे रहे। गतौरा जनपद सदस्य देवी प्रसाद कुर्रे समेत सभी भुविस्थापित मजदूर बैठक खत्म होने तक बैठक कक्ष के गेट पर खड़े रहे। इससे मजदूरों मे भारी गुस्सा देखने को मिला।

मजदूरों ने उप तहसील कार्यालय के सामने एनटीपीसी मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे।त्रिस्तरीय बैठक में कोई हल नही होते देख सभी 150 से अधिक भुविस्थापित मजदुरो ने तहसील कार्यालय परिसर में हंगामा करने लगे । पुलिस की समझाइश के बाद तहसील गेट पर गिरते पानी मे धरने पर बैठक गए।  और एनटीपीसी मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। यहां तक कि डीएसपी और एनटीपीसी के अधिकारियों के वाहन को गेट से बाहर नही निकलने दिया । डीएसपी के बहुत समझाने के बाद ही उन्हें जाने दिया गया। 

एनटीपीसी के सामने प्रशासन के अफसरों का नतमस्तक होना चर्चा का विषय बना:

प्रशासन की ओर से बैठक में नुमाइंदगी करने पहुचे डीएसपी प्रवीण राय का शनिवार की बैठक में एनटीपीसी के खिलाफ मजदुरो के पक्ष समर्थन था। लेकिन दो दिन बाद सोमवार की बैठक में एनटीपीसी अधिकारियों के हां में हां मिलाते दिखे। अपनी बात रखने वाले मजदुरो को पुलिसिया अंदाज में धमकाते भी दिखे। मजदूरो को डीएसपी का रवैया समझ मे नही आया।  

मीडिया को रोकना समझ से परे ,डीएसपी प्रवीण राय ने मीडिया को कवरेज करने से रोका               

स्थानीय पत्रकारों को जब बैठक की जानकारी लगी तो तहसील कार्यालय पहुचे और बैठक का मोबाइल से कवरेज करने लगे मीडिया प्रतिनिधियों को कैमरा चलाते देखा डीएसपी प्रवीण राय तमतमा गए और पत्रकारों से कहने लगे कि यहां बिना इजाजत कोई भी वीडियो या फोटो नही ले सकते इस बैठक में पत्रकारों को नही बुलाया गया है।

एनटीपीसी प्रबंधन और प्रशासन के अधिकारियों की बंद कमरे में हुई बैठक              

एनटीपीसी अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारी डीएसपी प्रवीण राय सहित नायब तहसीलदार आधे घण्टे तक बंद कमरे में बैठक की।मजदूरों की समस्या का समाधान तो नही हुआ। बाहर 1 बजे से खड़े भुविस्थापित मजदूर परेशान थे। लंबे समय तक नही बुलाये जाने पर नाराजगी जताई तब कही जाकर बैठक के लिए उन्हें बुलाया गया बंद कमरे में बैठक के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी डीएसपी प्रवीण राय व सभी अधिकारियों का व्यवहार बदला हुआ नजर आ रहा था।