छत्तीसगढ़ का वन विभाग हमेशा की तरह चर्चाओं में बना रहता है।यह विभाग अपने काम से ज्यादा अपने भ्रष्टाचार की वजह से चर्चाओं में रहता है।आज हम मरवाही वन मंडल की बात कर रहे है।इस वन मंडल में बड़ी दमदारी के साथ बेख़ौफ़ होकर घोटालो का बड़ा खेल किया जा रहा है। इस विभाग के कारनामो की विशेष जांच करवाई जाए तो बहुत बड़ा घोटाला सामने आएगा।मरवाही वन मंडल में लुटमलूट की प्रवृति साफ दिखाई देती है,घोटालों का खेल काफी समय से सुनियोजित तरीके से चल रहा है।
यहाँ मजदूरों के भुगतान का बड़ा खेल उजागर हुआ है।छत्तीसगढ़ उजाला के पास कुछ ऐसे साक्ष्य है जिससे यह ज्ञात होता है कि इस वनमंडल में बडे घोटालों का खेल विभाग के अफसरों की मिलीभगत से किया जा रहा है।वन परिक्षेत्र में कार्य कराने के नाम से मजदूरों के खाते में भुगतान की बात बताई जा रही है।पर सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरे प्रकरण में जो भुगतान वनमंडल के द्वारा किया गया है वो सब एक ही बैंक खाते में किया गया है।मतलब इस वनमंडल में बहुत बड़ी राशि का भुगतान मजदूरों के खाते में करने की बजाय अन्य किसी खाते में किया गया है।दिलचस्प बात यह है कि इस पेपर में सभी मजदूरों का बैंक अकाउंट एक ही बताया गया है।यह अपने आप मे संदेहास्पद है।लाखो का भुगतान एक महिला के बैंक खाते में किया गया है।इस मामले से मरवाही वन मंडल की बडी कहानी उजागर हुई है।
अगर माननीय मंत्री जी इस वनमंडल की जांच करवाएं तो वनमंडल का बहुत बड़ा कारनामा सामने आएगा।इस मामले में विभाग के रेंजर, एसडीओ के साथ डीएफओ की मिली भगत से यह घोटाला किया गया है।सारे मजदूरों के भुगतान को स्टेट बैंक के एक ही खाते में ट्रांसफर किया गया।वनविभाग अपने यहाँ काम करने वाले सभी मजदूरों को पेमेंट उनके ही बैंक खाते में करता है।पर यहाँ तो सारे लोगो को जितना भी पेमेंट किया गया है वो सारे पेमेंट एक ही बैंक अकाउंट में करके अपनी नियत को बता दिया है।इस बैंक खाते के बारे में सूत्रों ने बताया कि यह बैंक खाता श्रीमती अनिता डहरिया के नाम से है।इसी महिला के खाते में वनविभाग ने पैसा ट्रांसफर किया है।अब सवाल यह उठता है कि मजदूरों व सप्लायर का भुगतान इस महिला के खाते में क्यो डाला गया है।
क्या पीसीसीएफ के द्वारा मरवाही वनमंडल को विशेष रियायत दी गयी है?या इस वनमंडल के अफसरों को अभयदान की प्राप्ति हो चुकी है।किसकी शह पर यह अफसर भ्रष्टाचार कर रहे हैं ऐसे बहुत से मामलों की जानकारी छत्तीसगढ़ उजाला को प्राप्त हुई है। प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार को मरवाही वन मंडल में किए जा रहे घोटालों की जांच करवानी चाहिए वन विभाग में बैठे अफसर मदमस्त दिखाई दे रहे हैं।क्या प्रदेश के वन मंत्री को अपने विभाग की करतूतों की जानकारी नहीं है ऐसे बहुत से सवाल आमजन के अंदर उठ रहे हैं।
इस मामले को लेकर मरवाही वन मंडल के रेंजर से जब छत्तीसगढ़ उजाला ने बात की तो उनका जवाब ही गजब था।रेंजर का कहना है कि इस मामले में ऐसा कुछ भी नही हुआ है,विभाग के द्वारा गलती से सभी मे एक ही बैंक खाते का नम्बर लिखा गया था,सभी का भुगतान सभी के खातों में ही किया था।और कुछ भी गलत नही हुआ है।इस मामले की जांच का आदेश भी ऊपर से आया था जिसकी जांच हो भी गयी है।अब इस मामले में यहाँ पदस्थ डीएफओ मिश्रा से बात की गई तो उनके पास इस सवाल को सुनने का समय नही था,पर जब हमने समाचार लगाने की बात कही जिस पर आपका बयान चाहिए तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नही हुआ है।मेरे पास समय नही है। आप मेरे को जानते नही हो,मैं इसी क्षेत्र का हु कोई भी गलती नही हुई है।सवाल सुनते ही डीएफओ मिश्रा का उत्तेजित होना समझ से परे है।डीएफओ का कहना था कि आप लोगो को जो न्यूज लगाना है लगालो,हम लोगो का कुछ नही हो सकता।
अब इस मामले में डीएफओ व रेंजर दोनो का अलग बयान संदेह पैदा कर रहा है।रेंजर का कहना है कि इस मामले की जांच हो चुकी है,वही दूसरी ओर डीएफओ मिश्रा का कहना है कि ऐसा कुछ भी नही हुआ है।
एक बैंक अकाउंट में सारे कार्यो का बड़ा भुगतान कैसे किया गया दूसरी बात रेंजर का कहना था कि एक ही अकाउंट नम्बर गलती से हो गया,अभी जो पेपर हमारे पास है उसमें भुगतान के लिए दो चेक 20:02:2020,दो चेक 27:02:2020 और तीसरा चेक 12:11:2020 को काटा गया था,अगर सही तरीके से जांच कराई जाए तो ऐसे कई मामले इस वनमण्डल के खुल सकते है। एक ही गलती बार बार कैसे हो सकती है।इसका मतलब यह हुआ कि सारा भुगतान एक ही बैंक खाते में करके बडा खेल मरवाही वनमंडल के अफसरों के द्वारा किया गया है।अगर इस मामले की धरातल में जांच की जाए तो यह भी साफ हो जाएगा कि वन मण्डल के द्वारा कोई काम किया भी गया है कि नही।
मरवाही वनमण्डल के द्वारा मजदूरों व सप्लायर का सारा भुगतान श्रीमती अनिता डहरिया के बैंक अकाउंट में किया गया है।जो अपने आप मे जांच का विषय है।इससे ऐसा प्रतीत होता है कि क्या मरवाही वनमंडल के द्वारा कार्य करवाया भी गया है कि नही?वनविभाग के इस बड़े घोटाले को अंजाम देने वाले अफसरों के ऊपर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिये।