बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में सुरक्षाकर्मियों की भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा व अग्रिम राशि के गबन के आरोप में जेल में बंद मनाव पाल व मनोज मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया है। पूर्व में अग्रिम जमानत संबंधी आवेदन को सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने भी अंतरिम राहत देने से इन्कार करते हुए याचिका खारिज कर दी है।
केंद्रीय विवि में सुरक्षा का ठेका आइडिया इंक मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया है। मुंगेली जिले के जरहागांव थानांतर्गत ग्राम बिरगहनी निवासी संजय कुमार पाटले पिता जागेश्वर पाटले ने कोनी थानें में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें कहा है कि वह आइडियाज इंक मैनेजमेंट प्रालि कंपनी में वर्ष 2016 से सुरक्षा कर्मी के पद पर नियुक्त होकर गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय कोनी में ड्यूटी कर रहे हैं। वेतन के रूप में प्रति महीने उनके बैंक खाते में कंपनी द्वारा 10 हजार 500 रुपये जमा कराई जाती है। भविष्य निधि(पीएफ) व बीमा की कटौती कभी होती है और कभी नहीं होती। संजय ने यह भी जानकारी दी है कि उनको व उनके जैसे करीब 300 कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से आज तक कंपनी के द्वारा नियुक्ति पत्र व मासिक वेतन पर्ची नहीं दिया जा रहा है। जिसकी शिकायत कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन व कंपनी के संचालकों से की पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ऐसे फूटा घोटाला
संजय ने अपनी शिकायत में कहा है कि कंपनी के द्वारा नए संचालक अनिल कुमार बघेल की नियुक्ति विश्वविद्यालय में की गई। जब हम सभी कर्मचारियों द्वारा वेतन भुगतान व अन्य कई समस्याओं को लेकर संचालक अनिल कुमार बघेल से विश्वविद्यालय परिसर में मिले तब पहली बार हमें जानकारी प्राप्त हुई कि हमारा मासिक वेतन से हजारों रुपये एडवांस व हजारों रुपये पीएफ के नाम पर काटे जा रहे हैं, जो हमने कभी प्राप्त नहीं किया है।
फर्जी हस्ताक्षर से निकाले पीएफ की राशि
संजय ने कहा है कि पीएफ व ईएसआइसी की राशि जो पत्रक में दिखाया गया है उससे बहुत कम राशि कभी-कभी जमा की जा रही है। नए संचालक ने एक एडवांस रजिस्टर दिखाया जिसमें हम सभी 300 सुरक्षाकर्मियों के फर्जी हस्ताक्षर कर पीएफ की राशि निकाली गई है। आइडियाज इंक प्रालि कंपनी के द्वारा कर्मचारियों को जो पारिश्रमिक अनुबंध के तहत प्रदान किया जाता है, उक्त राशि को कंपनी द्वारा फर्जी तरीके से आहरित कर कर्मचारियों को उक्त राशि का आधा भुगतान कर करोड़ों रुपये का घोटाला कंपनी के निर्देशक मानव पाल व मनोज मिश्रा ने किया है। सुरक्षाकर्मी संजय की शिकायत पर जांच के बाद कोनी पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ भादवि की धारा 420,34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।