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बिलासपुर पुलिसिंग की खुली पोल: न्यायधानी में पुलिस के नाक के नीचे खुलेआम चल रहा सट्टे का अवैध कारोबार, सरकंडा थाना क्षेत्र में चल रहा सटोरियों का राज:

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बिलासपुर शहर एक समय का शांत शहर कहा जाता था।छोटे मोटे अपराध कभी कभार हुआ करते थे।प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेश के भी लोग इस शहर ने आकर बसने की इच्छा रखते थे।पर आज यह शहर अपराध का गढ़ बन चुका है।मारपीट लूटपाट,जुए सट्टे के कारोबार अब खुलेआम हो रहे है।शहर में आये दिन चोरियां हो रही है।शहर के साथ ही पूरे जिले की पुलिस व्यवस्था चरमरा गई है।बिलासपुर के सरकंडा पुलिस थाने क्षेत्र में सट्टे का कारोबार खुलेआम चल रहा है।बड़े सटोरियों के लोग गली मोहल्लों में सट्टा पट्टी लिखते हुए आसानी से देख जा सकते है।कम पैसे से ज्यादा पैसा कमाने की नीयत व लालच से आज के युवा इस गंदे कारोबार की ओर आकर्षित हो रहे है।सरकंडा क्षेत्र में सटोरियों की तो चांदी हो गयी है।सटोरियों की भीड़ से आम आदमी का सड़को से गुजरना दूभर हो गया है।

छत्तीसगढ़ के डीजीपी ने कई दफा इस अनैतिक कार्य को बंद करने का आदेश अपने महकमे में दिया था।पर बिलासपुर पुलिस अपने मुखिया की ही बातो को दता बताने में लगी हुई है।आज बिलासपुर के हर मोहल्लों में सट्टा पट्टी लिखते हुए लोग दिखते है।यह नजारा सुबह से शाम तक आपको दिख जाएगा पर यह नजारा बिलासपुर पुलिस कप्तान को नजर नही आता है।क्या यह सब अवैध कारगुजारियो की जानकारी बिलासपुर पुलिस को नही है,ऐसी बात भी नही है।बिलासपुर के कुछ लोगो का कहना है कि बिना पुलिस के संरक्षण में अवैध कारोबार संचालित नही हो सकता।बिलासपुर अब अवैध कारोबारीयो का अड्डा बनता जा रहा है।


डीजीपी डी एम अवस्थी के साथ ही बिलासपुर रेंज के आई जी रतन लाल डांगी ने भी जिले के सभी थानेदारो को जुए सट्टा के कारोबार को बंद करवाने की बात कही थी।साथ ही अपराध पर अंकुुुश लगाने की बात बोल चुके है।इस मामले पर कई बार फरमान भी जारी किया है लेकिन चंद पैसो की लालच में थानेदार इस अवैध कारोबार को अंकुश लगाने में नाकाम नजर आ रहे हैं। बिलासपुर के सरकंडा क्षेत्र में खुलेआम सट्टे का कारोबार चल रहा है।सटोरियों को पुलिस का कोई भय नही है।सभ्य समाज मे यह अनैतिक कार्य बंद होना चाहिए।पर सरकंडा पुलिस अपने अधिकार का कुछ ज्यादा फायदा निकालने की फिराक में है।सट्टा पट्टी लिखने वाला अपने बॉस का नाम बता रहा है क्या अब सरकंडा पुलिस उस बड़े सटोरिये को गिरफ्तार करेगी?

न्यायधानी में दिन ब दिन अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है।जिले के कप्तान को यह सब मंजर शायद दिखते ही नही है।कप्तान साहब तो जब से बिलासपुर में पदस्थ हुए है तब से तबादले के काम को ही बार बार करते आ रहे है।बिलासपुर एस पी इन तबादलों की जगह शहर में बढ़ते हुए अपराध को रोकने की दिशा में काम करते तो शायद बहुत अच्छा होता।शहर में बढ़ते अपराधों के बीच मे आज जनता का जीना बहुत कठिन है।शहर में गुंडागर्दी,लूटपाट,जुआ- सट्टा,चोरियों के मामले बढ़ रहे है।इन सब मामलों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

शहर में हर दिन अपराध की घटना सुनने में आ रही है।बिलासपुर पुलिस इन अपराधों पर अंकुश लगाना शायद भूल गयी है।शहर में चोरियां दिन दहाड़े हो रही है।पुलिस की गश्ती कहाँ होती है यह भी अपने आप मे समझ से परे है।इन मामलो ने बिलासपुर पुलिस की पोल खोल कर रख दी है।

सरकंडा थाना क्षेत्र में किस तरीके से सट्टे का कारोबार चल रहा है वो आपको इस वीडियो में साफ दिख जाएगा।सरकंडा थाने के अलग-अलग इलाकों में कुछ स्टोरियां सोनी को अपना मालिक बता कर काम कर रहे है।यह लोग खुलेआम पर्ची काट रहे है,इन लोगो का बेधड़क काम करना कही न कही सरकंडा पुलिस थाने की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान उठाता है। पुलिस की नजरों के सामने यह सट्टे का खेल खुलेआम खेला जा रहा है।

सट्टा पट्टी लिखने वालों का कहना है कि हमारे बॉस की पुलिस विभाग में ऊपर तक सेटिंग है।हमको कौन अंदर करेगा। चंद घंटों में पैसे को कई गुना कर देने के लालच में मध्यमवर्गीय परिवार और गरीब परिवार इन सटोरियों के चंगुल में पूरी तरह से फंस चुका है जिम्मेदार अधिकारियों को सब जानकारी होने के बाद पर भी इनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने से इनके हौसले बुलंद नजर आते हैं।शिकायत के बाद भी अभी तक सरकंडा पुलिस इन सटोरियों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है।

मामले पर सरकंडा थानेदार जे पी गुप्ता का बयान

सरकंडा थाने क्षेत्र में चल रहे सट्टे के कारोबार को लेकर जब हमने सरकंडा थानेदार जे पी गुप्ता से बात की तो उनका कहना यह था मि मुझे इस मामले की जानकारी आपसे हो रही है।मैं इस मामले को दिखवाता हु।हमने बताया कि हमारे पास इसका एक वीडियो भी है जिसमे सट्टा पट्टी लिखने वाला अपने मालिक का नाम बता रहा है।इस पर उन्होंने कहा कि मैं इस मामले को दिखवाता हु।

प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सुशासन की बात तो हमेशा करते है वही दूसरी ओर बिलासपुर में अवैध कारोबार खुलेआम संचालित हो रहे है।इनके साथ ही प्रदेश के गृहमंत्री व डीजीपी भी सटोरियों पर अंकुश लगाने की बात कहते नजर आते हैं वही उनके आदेशों की धज्जियां उड़ाते बिलासपुर के थाना प्रभारी दिख रहे हैं।

मामले की जानकारी को लेकर जब इनसे मीडिया सवाल पूछती है तब इन सटोरियों के कर्मचारियों पर मजबूरी में कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर दी जाती है। इनके ऊपर सिर्फ जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई कर थाने से भी इन सटोरियों को तुरंत छोड़ दिया जाता है और फिर दूसरे दिन से फिर यह सटोरिया अपने-अपने इलाकों में सक्रिय हो जाते हैं।न्यायधनी में बढ़ते अपराधों पर क्या बिलासपुर के पुलिस कप्तान कोई ठोस कार्यवाही करेंगे यह अब देखना बचा है?