राजनांदगांव । जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग के जिलाध्यक्ष पार्षद दल के प्रवक्ता शिव वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की गोबर खरीदी योजना पूरी तरह असफल साबित हो रहा है। जगह जगह गोबर के ढेर पढ़े हुए हैं । गोबर बेचने वाले ताश और परेशान है, भूपेश सरकार ने गाजे बाजे के साथ प्रचारित किया कि गोबर से खाद बनाने वाले समूह की महिलाएं मालामाल हो रही हैं, वो नई-नई स्कूटी खरीद के घूम रही हैं, लेकिन जब इसकी वास्तविकता का पता लगाने भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी श्री संदीप शर्मा जी विभिन्न गौठानो का दौरा किये और कई स्वसहायता समूह की महिलाओं से बात किये तो भूपेश सरकार की नाकामी और निकम्मापन उजागर हो गया, सबसे दुखद और आश्चर्यजनक बात ये है कि महिला स्वसहायता समूह ने पिछले 1 साल में भरपूर गोबर-खाद बनाई है लेकिन आजतक उनसे भूपेश-सरकार ने गोबर खाद की खरीदी शुरू ही नहीं की है..!
संदीप शर्मा जी से बातचीत के दौरान स्वसहायता समूह की महिलाओं ने जो अपनी आपबीती बताई है वो चिंताजनक है. पांडुका सीता स्वसहायता समूह की अध्यक्ष राधा वर्मा ने बताया कि समूह की हम 15 सदस्यों ने विगत 9 माह में 160 क्विंटल खाद बनाया है,जिसकी 10/- रु प्रति किलो के हिसाब से कुल कीमत 1 लाख 60 हजार होगी,
इसके लिए हमने गोठान से 480 क्विंटल गोबर लिया है,जिसका 96 हजार गौठान समिति को देना है, 30 हजार केंचुआ का भी देना है, 1 लाख 26 हजार खर्च काटने के बाद हमारे पास 34 हजार रु बचेगा जिसे हम 15 सदस्य बांटेंगे तो 2266/- रु प्रति सदस्य को मिलेंगे..!
9 महीने लगातार काम करने के बाद एक महिला को मात्र 2266/- रु मिलेंगे जिसे रोजी के हिसाब से देखें तो 8/- रु प्रतिदिन हुई, अब आप जनता जनार्दन खुद सोंचिये…8/- रु प्रतिदिन कमाने वाली महिला मालामाल कैसे हुई..? आजतक उसे अपनी मजदूरी के पैसे भी नहीं मिले तो वो स्कूटी कैसे ले ली..? और क्या 8/- प्रतिदिन कमाने वाली महिला स्कूटी ले सकती है..??
गौधन न्याय योजना के हम समर्थक है, लेकिन यह योजना अबतक केवल पब्लिसिटी के लिए ढिंढोरा पीटना ही साबित हुईं है, भूपेश अपने ही हाथों अपनी पीठ थपथपा सकते हैं लेकिन वो गौठान समितियों व स्वसहायता समूहों से न्याय नहीं कर पाए..!
अपने मियां मिठ्ठू ही साबित हुई भूपेश सरकार..!!