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भाजपा नेत्री व राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के खिलाफ चुनाव याचिका पर अब होगी गवाही

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बिलासपुर। भाजपा नेत्री व राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के निर्वाचन को चुनौती देते हुए प्रतिद्वंदी उम्मीदवार कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक लेखराम साहू ने हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दायर की है। इस प्रकरण में दोनों पक्षों ने गवाहों की सूची प्रस्तुत कर दी है। अब हाई कोर्ट में उनकी गवाही शुरू की जाएगी।

चुनाव याचिका पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता लेखराम साहू ने अपने अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव व अधिवक्ता हिमांशु शर्मा के माध्यम से दायर की है। इसमें बताया गया है कि वर्ष 2018 में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेत्री सरोज पांडेय ने नामांकन पत्र जमा किया था। उनके खिलाफ याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता व तत्कालीन विधायक लेखराम साहू ने भी नामांकन जमा किया था। इस चुनाव में सरोज पांडेय ने जीत दर्ज की। याचिका में बताया गया है कि सरोज पांडेय ने शपथ पत्र में गलत व अधूरी जानकारी दी थी। इसके साथ ही 18 भाजपा विधायक लाभ के पद पर रहते हुए उनका प्रस्तावक व समर्थक बने थे। लाभ के पद पर रहने वाले विधायकों को मतदान करने की अनुमति भी दी गई थी, जबकि यह असंवैधानिक है। याचिका में कहा गया है कि लाभ के पद पर रहते हुए विधायकों को मतदान का अधिकार नहीं दिया जा सकता।

लिहाजा सरोज पांडेय के निर्वाचन को शून्य घोषित किया जाए। बीते आठ जून को इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता साहू के अधिवक्ता ने जस्टिस संजय के अग्रवाल की एकलपीठ में बताया है कि उनकी तरफ से गवाहों की सूची प्रस्तुत कर दी गई है। लेकिन सरोज पांडेय की तरफ से विलंब करते हुए गवाहों की सूची प्रस्तुत नहीं की गई है। इस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 86 (7) के तहत चुनाव याचिकाओं का छह माह के भीतर निराकरण हो जाना चाहिए। लेकिन यह मामला दो साल से अधिक समय से लंबित है। इसमें और विलंब नहीं किया जा सकता। इस दौरान कोर्ट ने सरोज पांडेय के अधिवक्ता को गवाहों की सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। बुधवार को इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान सरोज पांडेय के अधिवक्ता ने भी गवाहों की सूची प्रस्तुत कर दी है। मामले में दोनों पक्षों के गवाहों की सूची मिलने के बाद 18 जून को सुनवाई तय की गई है।