राजनांदगांव// लग रहा नगरनिगम प्रशासन पूरी तरह सोई हुई हैइनके कार्य लॉकडाउन है। पूर्व पार्षद जिला भाजपा मंत्री आभा तिवारी ने यहां की वस्तु स्थित से अवगत कराते हुए बताया कि शहर में कोरोना के प्रकोप के साथ बारिश के बाद मच्छर नए वैरीअंट के रूप में आ चुके हैं और निगम प्रशासन को भनक तक नहीं है ना ही किसी प्रकार का वार्डों में दवाई छिड़काव है ना ही किसी मशीन के माध्यम से एंटी लार्वा, एंटी एडल्ट और फागिंग अभियान शुरू की ऐसे में हम शहर की स्वच्छता की कल्पना भला कैसे कर सकते है?जबकि निगम प्रशासन को चाहिए की समय रहते हम मच्छर पर काबू पा सकते हैं जैसे हर समय निगम प्रशासन का कार्य रहा है जैसे पूर्ववर्ती वैसे ही इसे लागू करना होगा।
वार्डों में मच्छर भगाने की दवा छिड़कने के बाद नगर निगम के कर्मचारियों जनप्रतिनिधियों के साथ आम लोगों के हस्ताक्षर भी लेने,एक मोहल्ले या क्षेत्र में वहां रहने वाले कम से कम दो से तीन लोगों के नाम, नंबर और पता भी नोट करना होता है वह इसलिए ताकि छिड़काव करने वाले कर्मचारी बंक नहीं मार सके। नगर निगम के आला अधिकारी नंबर होने पर रेंडम क्रास चेक करें ताकि पता चल सके कि किन-किन क्षेत्रों में छिड़काव हुआ है। लेकिन लगता है निगम प्रशासन पूर्णता लॉक डाउन हो चुकी है मन मस्तिष्क पूर्णता सोया हुआ है।शहर में न तो छिड़काव ही दिख रहा है और न ही उसका कोई प्रभाव ही नजर आया है।
आभा तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन की सुस्ती ना कामयाबी वह दर्शाती है कि कोरोना के बाद एक और जो महामारी आने वाली है और जो भयंकर रूप भी ले सकती है वह है मच्छर काटने से आप सबको पता है कि वह क्या बीमारी है। हमें अभी से सतर्क होना होगा। हमारा शहर कैसे स्वच्छ हो कोरोना मुक्त हो मलेरिया मुक्त हो इस विषय पर गहन चिंता करनी होगी। अब यह मौसम हैजा आदि बीमारियों का डेरा बन रहा है। समय रहते जनप्रतिनिधि अधिकारियों को काम करना होगा।तीन तरह के होंगे छिड़काव आवश्यक होंगेपहला एंटी लार्वा का छिड़काव, लार्वा 24 घंटे में मच्छर का रूप ले लेते हैं। इस छिड़काव से लार्वा नष्ट होंगे और वे पनप नहीं पाएंगे। दूसरा एंटी एडल्ट का छिड़काव, जो सीधे मच्छरों को मारेंगे। तीसरा फागिंग मशीन। यह मच्छरों को भगाने में मदद करेगा। हर वार्ड में इन तीनों तरह का छिड़काव होना चाहिए।मैं पूछना चाहती हूं कि नगर निगम व्यवस्था किस तरह से की है जनता को अवगत कराए और तो और एक वार्ड में सप्ताह या दस दिन में तीनों ही तरह के छिड़काव हो होने चाहिएकेवल खानापूर्ति ना हो व्यवस्थित कार्य चले तभी हम राजनांदगांव को मच्छर मुक्त शहर स्वच्छ वातावरण दे सकते हैं।