बिलासपुर : घायल बाघिन की सेहत को लेकर कानन पेंडारी जू प्रबंधन बेहद संवेदनशील है। उपचार के साथ-साथ शनिवार को उसकी लार का सेंपल लेकर कोरोना जांच कराई गई। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जू प्रबंधन ने राहत की सांस ली। दरअसल बाघिन को अचानकमार टाइगर रिजर्व से लाया गया। बाहर से आने के कारण ही उसकी जांच करना जरूरी समझा गया।
घायल बाघिन पिछले दिनों अचानकमार टाइगर रिजर्व के छपरवा रेंज के सांभरधशान अंतर्गत कल्हारपानी से रेस्क्यू की गई थी। उसे कानन पेंडारी जू के रेसक्यू सेंटर में ही रखा गया है। तीन चिकित्सकों की टीम उसका उपचार करने में जुटी हुई है। अभी कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है। देश कुछ जू में बाघों के संक्रमित होने की सूचना भी आई थी। जिसे लेकर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने सभी जू प्रबंधन को सावधानी व सतर्क रहने के निर्देश दिए थे।
इसी के अंतर्गत ही बाघिन की शनिवार को जांच कराई गई। हालांकि यह काम थोड़ा जटिल था पर जरूरी होने के कारण चिकित्सकों ने उसके लार का सैंपल लिया। इसके बाद जांच भी की गई। बाघिन के साथ-साथ जू के 69 कर्मचारियों का भी कोरोना जांच हुई। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। फिर भी सभी को कोविड- 19 के नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें मास्क व सैनिटाइजर प्रमुख है।
सेहत में सुधार, खड़े होकर चलने का इंतजार
जू प्रबंधन के अनुसार घायल बाघिन की सेहत में पहले से सुधार है। फिर भी जब तब खड़े होकर चलने नहीं लगेगी निगरानी की आवश्यकता है। पशु चिकित्सक इसमें जुटे हुए हैं। पीठ व पैर के घाव इतने गहरे हो चुके थे कि ठीक होने में समय लग रहा है। जब तक वह स्वस्थ नहीं हो जाती जंगल में छोड़ने की योजना नहीं बनाई जाएगी।
पीसीसीएफ व नए सीसीएफ ने किया निरीक्षण
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी नरसिंहा राव शनिवार को कानन पेंडारी जू में घायल बाघिन का हाल देखने पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ अचानकमार टाइगर रिजर्व के नए फील्ड डायरेक्टर व वन्य प्राणी सीसीएफ एस जगदीशन भी थे। जगदीशन ने शनिवार को पदभार ग्रहण किया है। मालूम हो कि इससे पहले के सीसीएम अनिल सोनी की कोरोना से मौत हो गई थी।