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*प्रधानमंत्री मोदी ने दिया ”वन अर्थ, वन हेल्थ” का मंत्र, विश्व स्तरीय जी-7 में संबोधित की पढिये पूरी बड़ी बातें…*

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G7 Summit 2021: विश्व भर में फैले कोरोना महामारी आज की तारीख में विश्वस्तरीय महामारी के रूप में मानी गई है क्योंकि शायद ही कोई देश ऐसा बचा हो जहां इसका प्रोकप नहीं देखने को मिला। ब्रिटेन में जी-7 देशों का 47वां शिखर सम्मेलन शरू हो चुका है। इस सम्मेलन में ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, जापान, जर्मनी, फ्रांस समेत इटली और यूरोपीय संघ शामिल हैं। हालांकि भारत समेत दक्षिण कारिया, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका को इस सम्मेलन में शामिल नहीं किया गया है लेकिन फिर भी इन्हें आंशिक रूप से या फिर अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित किया गया है।

ब्रिटेन के काॅर्नवाल में आयोजित हो रहे जी-7 सम्मेलन का विश्वस्तरीय फैले कोरोना महामारी के मद्देनजर इसका एजेंडा रखा गया है। दुनिया भर में अब तक कोरोना की चपेट में आने से 37 लाख से ज्यादा लोागों की मौत हो चुकी है। इसलिए इस बैठक में मुख्य एजेंडा के रूप में कोरोना वायरस पर चर्चा होगी साथ ही कोरोना वैक्सीन और जलवायु परिवर्तन पर भी चर्चा की जाएगी। अतिथि देश के रूप में भारत डिजिटल माध्यम से इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहा है। इस सम्मेलन में पीएम मोदी ने विश्व स्तरीय हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में अपना एक मंत्र दिया। उन्होनें कोविड संबंधित तकनीकों पर टीआरआईपीएस (TRIPS) छूट के लिए भारत और साउथ अफ्रीका द्वारा डब्ल्यूटीओ (WTO) में लाए गए प्रस्ताव के लिए G-7 का समर्थन मांगा।

कोरोना महामारी को देखते हुए पीएम मोदी ने डिजिटल रूप से सम्मेलन में हिस्सा लिया और वह जिस तीन सत्रों में हिस्सा ले रहे हैं उनकी थीम है- बिल्डिंग बैक स्ट्राॅन्ग, बिल्डिंग बैक टूगेदर, बिल्डिंग बैक ग्रीनर। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में ‘एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य’ का मंत्र देते हुए भारत में कोविड संक्रमण की लहर के दौरान G-7 और अन्य अतिथि देशों के द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की। पीएम ने सिविल सोसाइटी, इंडस्ट्री और सरकार के सभी स्तरों के प्रयासों पर भी चर्चा की।

ब्रिटेन में आयोजित हो रहे G-7 शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जाॅनसन के आमंत्रण पर मोदी भारत देश के अतिथि के रूप में शिरकत कर रहे हैं। इस दौरान उन्होनें काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग और वैक्सीन प्रबंधन के लिए ओपन सोर्स डिजिटल टूल्स के भारत के सफल उपयोग के बारे में भी बताया और अन्य विकासशील देशों के साथ अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने की भारत की इच्छा से अवगत कराया। इतना ही नहीं पीएम ने वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार के लिए सामूहिक प्रयासों के लिए भारत के समर्थन की प्रतिबध्दता जताई। इस दौरान मोदी ने आज की बैठक से पूरी दुनिया के लिए ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ’ का मंत्र दिया।