लखनऊ. मिशन 2022 (Mission 2022) की तैयारियों के लिए 7 महीने ही बचे हैं. ऐसे में 403 विधानसभा क्षेत्र वाले उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हर क्षेत्र की तैयारियों के लिए घंटों में ही समय बचा है. इसे देखते हुए दिल्ली में पार्टी के रणनीतिकारों में से कुछ दिग्गजों ने बैठक की, जिसमें उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर गहन मंथन चला. आखिर यूपी के लिए क्या रणनीति हो? इस बीच दिल्ली के अलावा लखनऊ में भी भाजपा नेताओं ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले (Dattatreya Hosble) से मुलाकात की. इन बैठकों के बाद अध्यक्ष बदलने से लेकर डिप्टी सीएम तक को हटाने की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं.
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोविडकाल में लगे दाग को छुड़ाने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं. 30 मई तक उत्तर प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह भी लखनऊ पहुचेंगे. महामंत्री संगठन सुनील बंसल जो अभी दिल्ली में हैं वो भी लखनऊ पहुंच जाएंगे. चुनावी तैयारी के लिए समय की कमी को देखते हुए पार्टी आलाकमान कुछ बड़े फैसले भी ले सकता है. मार्च तक जिन पांच राज्यों में चुनाव हैं वे राज्य हैं गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश.बहादुर पाठक कहते हैं कि हमें मिशन 2022 जीतना है।
उत्तर प्रदेश में चुनाव के लिए अप्रैल तक समय था. लेकिन शेष चार राज्यों में मार्च तक चुनाव करा लेने होंगे. क्योंकि चुनाव एक साथ होंगे. ऐसे मे उत्तर प्रदेश में भी चुनाव मार्च तक हो जाएंगे. क्या बीजेपी में बेचैनी समयाभाव के चलते है या फिर पंचायत चुनाव परिणाम और कोविडकाल ने जो डेंट मारा है उसके चलते हैं. पार्टी नेतृत्व के लिए ये सभी कारण मायने रखते हैं. उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि हमें मिशन 2022 जीतना है और एक राजनीतिक दल के नाते पार्टी वो रणनीतिक रुप से वो सब कुछ करेगी जो पार्टी हित के लायक होगा.