Home Uncategorized महासमुंद : बागबाहरा वन परिक्षेत्र के धरमपुर में 40 वर्षीय महिला की...

महासमुंद : बागबाहरा वन परिक्षेत्र के धरमपुर में 40 वर्षीय महिला की हाथी ने ले ली जान, पखवाड़े भर में तीसरी घटना

0

महासमुंद : हाथी ने कुचलकर फिर एक ग्रामीण की जान ले ली। इस बार मामला बागबाहरा वन परिक्षेत्र के धरमपुर का है। मृतक महिला अपने पति और भांजी के साथ रोजगार गारंटी योजना के तहत चल रहे काम के सिलसिले में निकली थी, इसी बीच हाथी ने हमला कर दिया। 40 वर्षीय महिला को रौंदकर मार डाला। महिला की मौके पर ही मौत हो गई। मृतका का पति एवं भांजी ने भाग कर अपनी जान बचाई। मृतका के परिजन को 25 हजार की तात्कालिक सहायता राशि दी गई है।

दर्दनाक मंजर को मृतका का पति एवं भांजी दूर खड़े होकर असहाय देखते रहे। जानकारी के अनुसार ग्राम धरमपुर से प्रेम सागर लोहार अपनी पत्नी बिसाहिन बाई लोहार एवं भांजी खुशबू को मोटरसाइकिल में बैठा कर रात में करीब तीन बिजराडीह की ओर जा रहा था। उसी दरमियान रास्ते में दो हाथी से इनका सामना हो गया। दहशत में आकर घटनास्थल पर अपनी वाहन रोका, तभी एक हाथी ने प्रेम सागर की पत्नी बिसाहिन बाई को अपनी चपेट में ले लिया और रौंदकर मार डाला।

डिप्टी रेंजर कमल नारायण नामदेव ने बताया कि घटना की जानकारी तत्काल मिल गई थी, क्योंकि महासमुंद एवं बागबाहरा का वन विभाग अमला हाथी से बचाव को लेकर सतत सर्च कर रहा है। खबर मिलते ही वन विभाग हरकत में आया तथा पीड़ित परिवार को उप वन मंडल अधिकारी शिव शंकर नाविक एवं परिक्षेत्र अधिकारी विकास चंद्राकर ने पीड़ित परिवार को 25 हजार सहायता राशि प्रदान की गई है।

घटना की संपूर्ण जानकारी पुलिस विभाग को दी जा चुकी है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। घटना इतनी दर्दनाक थी कि मृतका का शव देखकर पहचान करना कठिन हो गया था। वहीं, इस हृदय विदारक घटना पर क्षेत्र के हाथी भगाओ फसल बचाव के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने गहरा दुख व्यक्त किया है। साथ ही राधे लाल सिन्हा ने कहा है कि वन विभाग हाथी के नाम पर गंभीर नहीं है और हाथी गस्त के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं।

पखवाड़े भर में तीसरी मौत

हाथी हमले से पखवाड़े भर में यह तीसरी मौत है। 14 मई को परसाडीह में मनीराम यादव 65 की मौत हाथी के कुचले जाने से हुई। 20 मई को पतेरापाली में अरण्ड निवासी बाबूलाल ध्रुव 60 की मौत हाथी के हमले से हुई और अब 29 मई को बिसाहिन लोहार की मौत हाथी हमले से हो गई।