वर्धा, 16 मई 2021:
सुविख्यात दार्शनिक और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा है कि इतिहास जय- पराजय से नहीं, अपितु यश और कीर्ति से बनता है.प्रो. शुक्ल भक्त फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय सोनीपत, हरियाणा के आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चायन प्रकोष्ठ एवं भारत एशिया अध्ययन केंद्र के तत्वावधान में रविवार (16 मई) को महाराणा प्रताप की 481 वीं जयंती पर ‘महाराणा प्रताप, राष्ट्रीय सुरक्षा, मानवाधिकार और शिक्षा नीति’ विषय पर आयोजित ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे. संगोष्ठी की अध्यक्षता भक्त फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय सोनीपत की कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने की.
संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान, दिल्ली के संस्थापक अध्यक्ष, दार्शनिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता तथा गीता मर्मज्ञ श्री राम कृष्ण गोस्वामी,विशिष्ट अतिथि के रूप में इतिहासकार प्रो. चंद्रशेखर शर्मा और जयपुर के पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी (आईपीएस) ने संबोधित किया.
प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि महाराणा प्रताप ने अपनी प्रजा की रक्षा के लिए अपने सुखों को तिलांजलि दी. उनका संग्राम स्वधर्म, स्वाभिमान और लोक कल्याण का था. परंतु इतिहास में इसका ठीक से प्रस्तुतीकरण नहीं हुआ.अपने उद्बोधन में गीता मर्मज्ञ श्री राम कृष्ण गोस्वामी ने कहा कि महाराणा प्रताप में देश और धर्म की रक्षा दृष्टि थी. उन्होंने मानवाधिकार की सुरक्षा को शासन का धर्म समझकर संघर्ष किया.प्रो.चंद्रशेखर शर्मा ने मेवाड़ के संघर्ष और महाराणा प्रताप के राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकार सम्बन्धी कार्यों पर प्रकाश डाला.
आईपीएस पंकज चौधरी ने महाराणा प्रताप को वैश्विक व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि उदयपुर और चित्तौड़ परिसर में भील समुदाय को साथ लेकर उन्होंने उनका सम्मान किया.
अध्यक्षीय उद्बोधन में भक्त फूल सिंह महिला विवि की कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने कहा कि महाराणा प्रताप के युद्ध कौशल, साहस और पराक्रम को युवाओं के सामने लाने के लिए उनके समग्र चरित्र को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए.कार्यक्रम का संचालन आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चायन प्रकोष्ठ के निदेशक डाॅ. रवि भूषण ने किया तथा आभार भारत एशिया अध्ययन केंद्र के निदेशक डाॅ.नरेश भार्गव ने माना. संगोष्ठी में अध्यापक, शोधार्थी तथा विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में ऑनलाइन उपस्थित थे.